परशुराम महोत्सव में नीतू नवगीत की शानदार प्रस्तुति

POLITICAL TRUST MAGAZINE
भक्ति गीतों पर झूमे श्रोता
मोकामा 2 मई। मोकामा में आयोजित राजकीय भगवान परशुराम महोत्सव में बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने अपने भजनों और लोकगीतों की शानदार प्रस्तुति दी। जिससे भक्ति की ऐसी धारा बही कि भक्तगण घंटों गोते लगाते रहे। नीतू कुमारी नवगीत ने अपने कार्यक्रम के दौरान भगवान गणेश की आराधना करते हुए मंगल के दाता भगवन बिगड़ी बनाई जी गीत की शानदार प्रस्तुति दी। उन्होंने भोले शंकर का अलख जगाते हुए बिहार के अनेक पारंपरिक भक्ति गीतों को सुमधुर आवाज में गाया और सभी उपस्थित भकत गणों से भगवान परशुराम और भोलेनाथ का जयकारा लगवाया। नीतू नवगीत ने राम सीता विवाह प्रसंग पर कई सुमधुर गीत प्रस्तुत किये, जिनमें राम जी से पूछे जनकपुर की नारी, राम जी पहुना हमार हो, राम देखे सिया को सिया राम को.. जैसे गीत शामिल रहे।
नीतू नवगीत के भजनों और भक्ति गीतों के कार्यक्रम में संजय मिश्रा ने कैसियो पर, धनंजय कुमार ने ढोलक पर, प्रिंस कुमार ने पैड पर और राजेश केसरी ने हारमोनियम पर संगत किया। कार्यक्रम में नीतू नवगीत के अलावा राजेश केसरी, दिव्याश्री और चंदन उगना ने भी अनेक सुंदर-सुंदर भक्ति गीतों को गाकर उपस्थित श्रोता समूह को झुमाया। नीतू नवगीत ने माता शबरी द्वारा प्रभु श्री राम को जूठे बेर देने पर आधारित लोकगीत भी गाया। उन्होंने राजा जनक जी के बाग में अलबेला रघुवर आयो जी गीत गाया, जिसे उपस्थित श्रोता समूह ने खूब पसंद किया। घर में पधारो गजानंद जी मेरे घर में पधारो, अई गिरी नंदिनी जगदंबा घर में दियरा बार अईनी हे, चित्रकूट के घाट घाट पर तुलसी देखे वाट, राम मेरे आएंगे जैसे गीतों पर भी नीतू नवगीत को दर्शक दीर्घा से काफी प्रशंसा मिली।
भगवान परशुराम की महिमा अपार
कार्यक्रम में बाबा परशुराम की महिमा का बखान करते हुए नीतू कुमारी नवगीत ने कहा कि भगवान परशुराम प्रभु विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं। वह ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के पुत्र थे और उनको चिरंजीवी माना जाता है। आज भी भगवान परशुराम पृथ्वी पर मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि भगवान शिव के परम भक्त भगवान परशुराम को परशु नमक दिव्य अस्त्र भी भगवान भोलेनाथ से ही प्राप्त हुआ था। इसी अस्त्र की मदद से उन्होंने दुष्ट राक्षसों का कई बार संहार किया और पृथ्वी को राक्षसों के अत्याचार से मुक्त कराया।