दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को भारत लाने की तैयारी

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने आज 18 फरवरी, 2023 को 12 चीतों को दक्षिण अफ्रीका से भारत लाने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि इन चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित किया जाएगा।
इस अवसर पर मंत्री ने मीडिया को संबोधित किया। यादव ने कहा कि चीता को भारत वापस लाने से देश की प्राकृतिक विरासत को फिर से स्थापित करने में सहायता मिलेगी। इसके अलावा उन्होंने स्थानांतरण के लिए अपना पूरा समर्थन देने को लेकर रक्षा मंत्रालय और भारतीय वायु सेना को भी धन्यवाद दिया। यादव ने वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में मंत्रालय की विभिन्न पहलों का भी उल्लेख किया। इनमें प्रोजेक्ट चीता, लाइफ की अवधारणा और इसकी स्थिरता, हरित विकास यानी ग्रीन क्रेडिट, मिष्टी- मैंग्रोव संरक्षण व गज उत्सव के लिए और अन्य शामिल हैं।
भारतीय वन क्षेत्र में अंतिम चीतों को साल 1947 में दर्ज किया गया था, जहां छत्तीसगढ़ के कोरिया जिला स्थित साल के जंगलों में तीन चीतों को गोली मार दी गई थी। भारत में चीतों की संख्या में कमी के मुख्य कारणों में बड़े पैमाने पर वन से जानवरों को पकड़ने, इनाम व खेल के लिए शिकार, व्यापक आवास रूपांतरण के साथ-साथ चीताओं के शिकार क्षेत्र में कमी शामिल थी। साल 1952 में चीतों को विलुप्त प्रजाति घोषित कर दिया गया
भारत में चीता पुनर्वास परियोजना का लक्ष्य भारत में व्यवहार्य चीता मेटापॉपुलेशन स्थापित करना है, जो चीता को एक शीर्ष शिकारी के रूप में अपनी कार्यात्मक भूमिका निभाने की सुविधा देता है और चीता को उसकी ऐतिहासिक सीमा के भीतर विस्तार के लिए जगह प्रदान करता है, जिससे उसके वैश्विक संरक्षण के प्रयासों में योगदान मिलता है।