सेबी के कानूनों में बड़ा बदलाव, लोकसभा में सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड बिल 2025 पेश

 सेबी के कानूनों में बड़ा बदलाव, लोकसभा में सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड बिल 2025 पेश

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड (SMC) बिल, 2025 पेश किया। यह बिल शेयर बाजार से जुड़े नियमों में कई दशकों बाद सबसे बड़ा सुधार लाने वाला है। इसका मकसद तीन पुराने कानूनों को खत्म करके एक नया एकीकृत कानून बनाना है। ये तीन कानून हैं सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) एक्ट, 1956; SEBI एक्ट, 1992 और डिपॉजिटरीज एक्ट, 1996।

इस नए कोड से बाजार के नियमों को सिद्धांतों पर आधारित बनाया जाएगा, कंप्लायंस का बोझ कम होगा, पुरानी और दोहराई जाने वाली चीजें हटेंगी और आम प्रक्रियाओं के लिए एकसमान तरीके अपनाए जाएंगे।

SEBI की जांच और कार्रवाई में साफ अलगाव

बिल में एक बड़ा बदलाव यह है कि SEBI की जांच-पड़ताल जैसे कामों और कार्रवाई जैसे शो-कॉज नोटिस जारी करने या फैसला सुनाने के बीच दूर की दूरी रखने का नियम लिखित रूप से डाला गया है। इससे नियामक काम में ज्यादा निश्चितता आएगी। साथ ही, जांच और अंतरिम आदेशों के लिए समय सीमा भी तय की गई है।

SEBI बोर्ड का आकार भी बढ़ाया जा रहा है। अभी नौ सदस्य हैं, अब चेयरपर्सन समेत ज्यादा से ज्यादा 15 सदस्य हो सकते हैं। बोर्ड के सदस्यों को फैसला लेते समय अपना कोई सीधा या परोक्ष हित बताना जरूरी होगा।

इसके अलावा, बिल में बाजार की मुख्य संस्थाओं जैसे स्टॉक एक्सचेंज, क्लियरिंग कॉर्पोरेशन और डिपॉजिटरीज को आधिकारिक मान्यता दी गई है। इन संस्थाओं को अपने बाय-लॉज बनाने का अधिकार मिलेगा, ताकि सबको बराबर पहुंच मिले, पारदर्शिता बनी रहे, एक-दूसरे के साथ जुड़ाव आसान हो और बाजार में गड़बड़ी कम से कम हो।