अपभोक्ता आयोग ने SBI पर लगाया जुर्माना, सेवा में कमी का दोषी ठहराया
नई दिल्ली। दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को सेवा में लापरवाही का दोषी ठहराते हुए ग्राहक को 1.7 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। आयोग ने कहा कि बैंक ने खाते में पर्याप्त धनराशि होने के बावजूद ग्राहक की ईएमआई अस्वीकृत कर दी और उस पर बाउंस शुल्क भी वसूल किया, जो अनुचित है। यह मामला दिल्ली के करावल नगर निवासी छाया शर्मा से जुड़ा है। उन्होंने शिकायत की थी कि बैंक से 2.6 लाख रुपये का कार लोन लिया था, जिसकी 48 मासिक किस्तें लगभग 7,000 रुपये प्रति माह थीं। उनका आरोप था कि खाते में पर्याप्त रकम होने के बावजूद एसबीआई करावल नगर शाखा ने उनकी 11 ईएमआई अस्वीकृत कर दीं और 4,400 रुपये का बाउंस चार्ज लगा दिया। जिला उपभोक्ता फोरम ने पहले उनकी शिकायत खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने राज्य आयोग में अपील दायर की। सुनवाई के दौरान आयोग ने पाया कि एसबीआई यह साबित नहीं कर सका कि ग्राहक के खाते में धन की कमी थी। आयोग ने कहा कि बैंक को एक ही समय में दो विपरीत बातें नहीं कहनी चाहिए। जब इसी ईसीएस मंडेट के तहत बाकी ईएमआई का भुगतान हो गया, तो कुछ किस्तों को अस्वीकृत करना तर्कसंगत नहीं है।
