पुतिन दिसंबर में भारत आएंगे, देशों की आर्थिक साझेदारी मजबूत
न्यूयॉर्क। भारत-रूस संबंध मजबूत हैं और अमेरिका के दबाव से प्रभावित नहीं होंगे। भारत अपने साझेदार खुद चुनता है। दोनों देशों के बीच व्यापार, सैन्य, तकनीकी और एससीओ व ब्रिक्स सहयोग लगातार जारी है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन दिसंबर में भारत का दौरा करेंगे।
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि भारत और रूस के बीच आर्थिक साझेदारी खतरे में नहीं है। भारतीय प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ने साफ कर दिया है कि भारत अपने साझेदार खुद चुनता है। लावरोव भारत पर रूस से तेल खरीदने को लेकर अमेरिका की ओर से संभावित द्वितीयक प्रतिबंध लगाने के सवाल का जवाब दे रहे थे।
लावरोव ने आगे कहा, ‘यदि अमेरिका के पास भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार को समृद्ध करने के प्रस्ताव हैं, तो वे इसके लिए शर्तों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, चाहे अमेरिका जो भी शर्तें रखे। लेकिन जब बात भारत और तीसरे देशों के बीच व्यापार, निवेश, आर्थिक, सैन्य, तकनीकी और अन्य संबंधों की आती है, तो यह ऐसी चीज है जिस पर भारत केवल संबंधित देशों के साथ ही चर्चा करेगा।’
हम भारत के राष्ट्रीय हितों का पूरा सम्मान करते हैं: लावरोव
भारत और रूस संबंधों पर लावरोव ने कहा, हम भारत के राष्ट्रीय हितों का पूरा सम्मान करते हैं और पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा इन हितों को बढ़ावा देने वाली विदेश नीति का भी। हम उच्चतम स्तर पर नियमित संपर्क में रहते हैं। लावरोव ने आगे कहा, ‘भारत और अमेरिका या भारत और किसी अन्य देश के बीच जो भी परिस्थितियां पैदा हों, उन्हें रूस-भारत संबंधों का मानदंड नहीं माना जा सकता। हमारा भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी का लंबा अनुभव है। शुरुआत में इसे ‘रणनीतिक साझेदारी’ कहा गया, बाद में इसे ‘विशेष रणनीतिक साझेदारी’ और अब ‘विशेष रूप से विशेष रणनीतिक साझेदारी’ कहा जाता है।
लावरोव ने आगे कहा, ‘यदि अमेरिका के पास भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार को समृद्ध करने के प्रस्ताव हैं, तो वे इसके लिए शर्तों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, चाहे अमेरिका जो भी शर्तें रखे। लेकिन जब बात भारत और तीसरे देशों के बीच व्यापार, निवेश, आर्थिक, सैन्य, तकनीकी और अन्य संबंधों की आती है, तो यह ऐसी चीज है जिस पर भारत केवल संबंधित देशों के साथ ही चर्चा करेगा।’
हम भारत के राष्ट्रीय हितों का पूरा सम्मान करते हैं: लावरोव
भारत और रूस संबंधों पर लावरोव ने कहा, हम भारत के राष्ट्रीय हितों का पूरा सम्मान करते हैं और पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा इन हितों को बढ़ावा देने वाली विदेश नीति का भी। हम उच्चतम स्तर पर नियमित संपर्क में रहते हैं। लावरोव ने आगे कहा, ‘भारत और अमेरिका या भारत और किसी अन्य देश के बीच जो भी परिस्थितियां पैदा हों, उन्हें रूस-भारत संबंधों का मानदंड नहीं माना जा सकता। हमारा भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी का लंबा अनुभव है। शुरुआत में इसे ‘रणनीतिक साझेदारी’ कहा गया, बाद में इसे ‘विशेष रणनीतिक साझेदारी’ और अब ‘विशेष रूप से विशेष रणनीतिक साझेदारी’ कहा जाता है।
