चीन की चौधराहट को कम करने के लिए फिलीपीन को ब्रह्मोस मिसाइल की खेप भेजेगा भारत
- कारोबार दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- September 14, 2025
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नई दिल्ली। चीन की चौधराहट को कम करने के लिए फिलीपीन को ब्रह्मोस मिसाइल की भारत खेप भेजेगा। दक्षिण चीन सागर में चीन की पीएलए-नेवी की बढ़ती चौधराहट के बीच भारत उसके मुखर प्रतिद्वंद्वी फिलीपीन को ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों की तीसरी खेप देगा। फिलीपीन को ब्रह्मोस दिए जाने पर चीन आपत्ति जता चुका है, लेकिन भारत ने इसे दरकिनार कर दिया है।
3,310 करोड़ रुपये का सौदा किया
फिलीपीन ने ब्रह्मोस मिसाइलों के लिए भारत से करीब 3,310 करोड़ रुपये का सौदा किया था। पिछले साल मिसाइलों की पहली खेप और इस साल अप्रैल में दूसरी खेप फिलीपीन को दी गई थी, जिसे उसने नौसेना में शामिल भी कर लिया है। अब तीसरी और आखिरी खेप इस साल के अंत तक भेज दी जाएगी।
290 किलोमीटर रेंज के साथ ब्रह्मोस मिसाइल
चीन फिलीपीन के विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतरी हिस्सों तक अपना दावा करता है। ऐसे में 290 किलोमीटर रेंज के साथ ब्रह्मोस मिसाइल फिलीपीन को अपने क्षेत्र की रक्षा में सक्षम बनाएगी। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन में चीन मामलों के विशेषज्ञ अतुल कुमार ने बताया, ब्रह्मोस मिसाइल चीन के नौसैनिक ठिकानों, जहाजों व तटरक्षक पोतों के लिए विशेष तौर पर खतरा हैं। चीनी विमानवाहक युद्धपोतों को ब्रह्मोस काफी नुकसान पहुंचा सकती हैं। ये मिसाइलें स्कारबोरो शोल, द्वितीय थॉमस शोल और ताइवान जलडमरूमध्य से स्प्रैटली द्वीप समूह तक फैले क्षेत्र को कवर कर सकती हैं।
अहम है दक्षिण चीन सागर
करीब 35 लाख वर्ग किमी वाला दक्षिण चीन सागर अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए अहम है। यहां प्राकृतिक गैस व तेल का विशाल भंडार भी है। चीन सैकड़ों किमी दूर स्थित कई द्वीपों और रेतीले टीलों पर दावा करता है। जबकि वियतनाम, फिलीपीन, मलयेशिया और ताइवान भी अपने दावे रखते हैं।
फिलीपीन ने ब्रह्मोस मिसाइलों के लिए भारत से करीब 3,310 करोड़ रुपये का सौदा किया था। पिछले साल मिसाइलों की पहली खेप और इस साल अप्रैल में दूसरी खेप फिलीपीन को दी गई थी, जिसे उसने नौसेना में शामिल भी कर लिया है। अब तीसरी और आखिरी खेप इस साल के अंत तक भेज दी जाएगी।
290 किलोमीटर रेंज के साथ ब्रह्मोस मिसाइल
चीन फिलीपीन के विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतरी हिस्सों तक अपना दावा करता है। ऐसे में 290 किलोमीटर रेंज के साथ ब्रह्मोस मिसाइल फिलीपीन को अपने क्षेत्र की रक्षा में सक्षम बनाएगी। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन में चीन मामलों के विशेषज्ञ अतुल कुमार ने बताया, ब्रह्मोस मिसाइल चीन के नौसैनिक ठिकानों, जहाजों व तटरक्षक पोतों के लिए विशेष तौर पर खतरा हैं। चीनी विमानवाहक युद्धपोतों को ब्रह्मोस काफी नुकसान पहुंचा सकती हैं। ये मिसाइलें स्कारबोरो शोल, द्वितीय थॉमस शोल और ताइवान जलडमरूमध्य से स्प्रैटली द्वीप समूह तक फैले क्षेत्र को कवर कर सकती हैं।
अहम है दक्षिण चीन सागर
करीब 35 लाख वर्ग किमी वाला दक्षिण चीन सागर अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए अहम है। यहां प्राकृतिक गैस व तेल का विशाल भंडार भी है। चीन सैकड़ों किमी दूर स्थित कई द्वीपों और रेतीले टीलों पर दावा करता है। जबकि वियतनाम, फिलीपीन, मलयेशिया और ताइवान भी अपने दावे रखते हैं।