महिलाओं में इनफर्टिलिटी की बड़ी वजह जान हो जाएंगे हैरान,  गायनेकोलॉजिस्ट ने दी अहम जानकारी

 महिलाओं में इनफर्टिलिटी की बड़ी वजह जान हो जाएंगे हैरान,  गायनेकोलॉजिस्ट ने दी अहम जानकारी
नई दिल्ली। महिलाओं में फर्टिलिटी की जांच करने के लिए सामान्य तौर पर डॉक्टर एएमएच लेवल और साथ कई अन्य जांच करने का सुझाव देते हैं। ऐसे में बहुत से लोगों के मन में सवाल आता है कि एएमएच लेवल कम होने पर क्या इसे बढ़ाया जा सकता है?
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में बहुत से ऐसे लोग हैं जो अपनी फर्टिलिटी पर अच्छे से ध्यान नहीं पाते हैं। आज के समय में कई ऐसे शोध हैं जिसमें ये स्पष्ट बताया गया है हमारे देश में ऐसे लोगों की संख्या अब और बढ़ती जा रही है, जो अपनी इनफर्टिलिटी की वजह से बच्चे नहीं कर पा रहे हैं। इसका असर पुरुष और महिला दोनों पर लगभग बराबर दिख रहा है, जिसकी वजह से बहुत से लोग माता-पिता नहीं बन पा रहे हैं।
ओवरी में अंडों के भंडार और उनकी कार्यक्षमता
जब महिलाओं की फर्टिलिटी की बात आती है तो आमतौर पर उनके एएमएच लेवल यानी एंटी-मुलिन हार्मोन की बात की जाती है। यह एक ऐसा ही महत्वपूर्ण संकेत है जो उनकी ओवरी में अंडों के भंडार और उनकी कार्यक्षमता को दर्शाता है। यह एक ऐसा विषय है जिस पर अक्सर खुलकर बात नहीं होती, लेकिन इसकी सही जानकारी हर महिला के लिए जरूरी है।
कंसीव करना उतना ही मुश्किल
इसको और सरल करके समझें तो एएमएच एक ऐसा मानक है जो जितना कम होता है कंसीव करना उतना ही मुश्किल हो जाता है। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि क्या एएमएच लेवल को बढ़ाया जा सकता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
हाल ही में, इसी विषय पर गहन चर्चा करते हुए स्त्री रोग विशेषज्ञ ने बताया कि कुछ मामलों में एएमएच का स्तर बढ़ाया जा सकता है, जबकि कुछ स्थितियों में यह संभव नहीं होता। यह जानकारी उन सभी महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जो अपने परिवार नियोजन या स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ के अनुसार कुछ विशेष परिस्थितियों में एएमएच का स्तर बढ़ाया जा सकता है, जबकि कुछ मामलों में यह संभव नहीं होता है।