नागौर में वृहद किसान सम्मेलन: ‘विकसित भारत-जी राम जी’ से गांव होंगे आत्मनिर्भर -केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान
नागौर (राजस्थान)/नई दिल्ली
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को राजस्थान के नागौर जिले के मेड़ता सिटी में आयोजित विशाल किसान सम्मेलन में सहभागिता की। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से सहायता राशि का हस्तांतरण किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा सहित राज्य सरकार के कई मंत्री, जनप्रतिनिधि और किसान संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “विकसित भारत–जी राम जी” योजना से गांव गरीबीमुक्त, रोजगारयुक्त और आत्मनिर्भर बनेंगे। उन्होंने बताया कि इस नई योजना के अंतर्गत अगले पांच वर्षों में ₹7.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे भारत के गांवों का व्यापक कायाकल्प होगा।

चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजस्थान ने विकास के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत राज्य की 12,600 सड़कों के निर्माण के लिए ₹2,089 करोड़ की स्वीकृति मुख्यमंत्री को सौंपी। कृषि क्षेत्र में प्रगति का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि जलवायु-अनुकूल, उच्च उपज वाली किस्मों से किसानों की आय बढ़ी है और लागत घटी है।

केंद्रीय मंत्री ने एमएसपी पर ठोस प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि किसानों को उचित दाम देने में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। इस वर्ष राजस्थान से 3.05 लाख मीट्रिक टन मूंग की खरीद (₹2,680 करोड़) को मंजूरी दी गई है, जबकि मूंगफली और सोयाबीन की खरीद भी जारी है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत राज्य को पिछले दो वर्षों में ₹29,000 करोड़ से अधिक की राहत मिली है, और अब क्लेम में देरी पर 12% ब्याज का प्रावधान किया गया है।
“विकसित भारत–जी राम जी” योजना के तहत रोजगार के दिन 100 से बढ़ाकर 125 किए गए हैं। ग्राम पंचायतों को विकास की रूपरेखा तय करने में केंद्रीय भूमिका दी गई है। श्रमिकों को समय पर भुगतान न होने पर ब्याज अनिवार्य किया गया है, जबकि प्रशासनिक व्यय बढ़ाकर पंचायत कर्मियों के वेतन भुगतान को सुनिश्चित किया गया है।
कार्यक्रम में 35,800 किसानों को ₹187 करोड़, 5 लाख किसानों को ₹617 करोड़ कृषि इनपुट सब्सिडी, 5 लाख दुग्ध उत्पादकों को ₹151 करोड़, तथा प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 18,500 लाभार्थियों को ₹100 करोड़ की सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से प्रदान की गई।
अंत में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि संसद के आगामी सत्र में बीज अधिनियम (Seed Act) और नकली खाद-उर्वरक की रोकथाम से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयक लाए जाएंगे। उन्होंने कहा, “हमारा संकल्प विकसित, मजबूत और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है।”
