न्यूयॉर्क से थरूर की पाकिस्तान को दो टूक, भारतीयों को बनाएंगे निशाना तो चुकानी होगी भारी कीमत
- राजनीति विदेश
Political Trust
- May 25, 2025
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न्यूयॉर्क। कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल इन दिनों अमेरिका में पाकिस्तान की पोल खोल रहा है। थरूर के प्रतिनिधिमंडल में सरफराज अहमद (झामुमो), गंटी हरीश मधुर बालयोगी (तेदेपा), शशांक मणि त्रिपाठी (भाजपा), भुवनेश्वर कलिता (भाजपा), मिलिंद देवड़ा (शिवसेना), तेजस्वी सूर्या (भाजपा) और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत संधू शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडल शनिवार को न्यूयॉर्क पहुंचा और यहां से गुयाना जाएगा। यह 3 जून को अमेरिका से वापस लौटेगा।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा है कि पहलगाम हमलों के बाद अब एक नया नियम बनने जा रहा है कि पाकिस्तान में बैठे किसी भी व्यक्ति को यह मानने की अनुमति नहीं दी जाएगी कि वे सीमा पार कर सकते हैं और बिना किसी सजा के भारतीय नागरिकों की हत्या कर सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इसके लिए उन्हें भारी कीमत चुकानी होगी।
शशि थरूर गुयाना, पनामा, कोलंबिया, ब्राजील और अमेरिका में भारतीय सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के खिलाफ भारत के संकल्प को दुनिया के सामने लाएगा और पाकिस्तान के आतंकवाद से संबंधों की पोल खोलेगा। अलग-अलग देशों का दौरा करने वाला बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल इस बात पर जोर दे रहा है कि पाकिस्तान के साथ हालिया संघर्ष पहलगाम आतंकी हमले से शुरू हुआ था, न कि ऑपरेशन सिंदूर से, जैसा कि इस्लामाबाद ने आरोप लगाया है। भारत की ओर से शुरू किए गए जवाबी ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया था।
भारतीय-अमेरिकी समुदाय के प्रमुख सदस्यों और प्रमुख मीडिया और थिंक टैंक के शख्सियतों के एक चुनिंदा समूह के साथ बातचीत में थरूर ने कहा कि पाकिस्तान को भारत का संदेश स्पष्ट है- ‘हम कुछ भी शुरू नहीं करना चाहते थे।’ उन्होंने कहा कि हम सिर्फ आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे थे। आपने शुरू किया, हमने जवाब दिया। अगर आप रुकेंगे, तो हम रुकेंगे और वे रुक गए। 88 घंटे तक संघर्ष चला। हम उस पर बहुत निराशा के साथ पीछे देखते हैं, क्योंकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए था। लोगों की जान चली गई। साथ ही हम इस अनुभव को दृढ़ निश्चय और नए सिरे से दृढ़ संकल्प के साथ देखते हैं।
शशि थरूर गुयाना, पनामा, कोलंबिया, ब्राजील और अमेरिका में भारतीय सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के खिलाफ भारत के संकल्प को दुनिया के सामने लाएगा और पाकिस्तान के आतंकवाद से संबंधों की पोल खोलेगा। अलग-अलग देशों का दौरा करने वाला बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल इस बात पर जोर दे रहा है कि पाकिस्तान के साथ हालिया संघर्ष पहलगाम आतंकी हमले से शुरू हुआ था, न कि ऑपरेशन सिंदूर से, जैसा कि इस्लामाबाद ने आरोप लगाया है। भारत की ओर से शुरू किए गए जवाबी ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया था।
भारतीय-अमेरिकी समुदाय के प्रमुख सदस्यों और प्रमुख मीडिया और थिंक टैंक के शख्सियतों के एक चुनिंदा समूह के साथ बातचीत में थरूर ने कहा कि पाकिस्तान को भारत का संदेश स्पष्ट है- ‘हम कुछ भी शुरू नहीं करना चाहते थे।’ उन्होंने कहा कि हम सिर्फ आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे थे। आपने शुरू किया, हमने जवाब दिया। अगर आप रुकेंगे, तो हम रुकेंगे और वे रुक गए। 88 घंटे तक संघर्ष चला। हम उस पर बहुत निराशा के साथ पीछे देखते हैं, क्योंकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए था। लोगों की जान चली गई। साथ ही हम इस अनुभव को दृढ़ निश्चय और नए सिरे से दृढ़ संकल्प के साथ देखते हैं।
