यूपी की ग्राम पंचायतें डिजिटल रूप से होगी सशक्त और आधुनिक

 यूपी की ग्राम पंचायतें डिजिटल रूप से होगी सशक्त और आधुनिक
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने ग्राम पंचायतों को डिजिटल रूप से सशक्त और आधुनिक जन सुविधाओं से लैस करने की तरफ बड़ी पहल की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन को अमल में लाते हुए राज्य सरकार ने 278 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेशभर की ग्राम पंचायतों में डिजिटल वर्कफोर्स विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत जिला पंचायत रिसोर्स सेंटर और पंचायत लर्निंग सेंटर की स्थापना की जाएगी।
यह पहल राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना के अंतर्गत लागू की जा रही है, जिसका उद्देश्य है पंचायतों को तकनीकी रूप से उन्नत बनाना और सेवाओं के वितरण को प्रभावी बनाना।
पंचायती राज विभाग द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना के अनुसार, इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्राम पंचायतों के कर्मचारियों का क्षमता संवर्धन और डिजिटल प्रशिक्षण है। राज्य, जनपद और खंड स्तर पर प्रशिक्षित मानव संसाधनों की तैनाती की जाएगी ताकि योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में तेजी लाई जा सके।
राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, पंचायत कर्मियों के सतत विकास और प्रशिक्षण के लिए स्थायी केंद्र बनाए जाएंगे। इससे पंचायतें डिजिटल रूप से मजबूत होंगी, और ग्रामीण क्षेत्रों में पारदर्शिता, जवाबदेही व सुशासन को बढ़ावा मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने प्रदेश में एआई प्रज्ञा कार्यक्रम की भी शुरुआत की है, जिसके माध्यम से राज्य के 10 लाख लोगों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स और एप्लिकेशन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रक्रिया में पंचायत स्तर तक के कर्मचारियों को भी शामिल किया जाएगा ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में एआई दक्षता को बढ़ावा मिल सके।
निगरानी के लिए बनेगी चार स्तरीय समिति
योजना की प्रभावी निगरानी और क्रियान्वयन के लिए चार स्तरीय समितियों का गठन किया जाएगा:
राज्य सलाहकार समिति – अध्यक्षता: पंचायती राज मंत्री
राज्य संचालन समिति – अध्यक्षता: मुख्य सचिव
राज्य कार्यकारी समिति – अध्यक्षता: प्रमुख सचिव, पंचायती राज
अनुश्रवण समिति – अध्यक्षता: निदेशक, पंचायती राज
इन समितियों के माध्यम से योजना के हर चरण पर नजर रखी जाएगी और सुनिश्चित किया जाएगा कि पंचायतों में डिजिटल परिवर्तन प्रभावी और टिकाऊ हो।