मानसून की केरल में एंट्री, तय समय से एक सप्ताह पहले आगमन
- राष्ट्रीय
Political Trust
- May 24, 2025
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नई दिल्ली। मानसून ने केरल में एंट्री कर दी है। इस बार मानसून अपने समय से करीब एक सप्ताह पहले चल रहा है। इस साल केरल में मानसून का आगमन पिछले एक दशक में सबसे जल्दी हुआ है। राज्य में मानसून के आगमन के लिए सभी अनुकूल परिस्थितियां तैयार थीं। पिछले दो दिनों में केरल के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। यह कम दबाव वाले क्षेत्र और आगे बढ़ते मानसून सिस्टम के संयोजन के कारण हो रहा है। पिछली बार राज्य में मानसून इतनी जल्दी 2009 और 2001 में पहुंचा था। तब यह 23 मई को राज्य में पहुंचा था।
आमतौर पर मानसून केरल में 1 जून को दस्तक देता है। हालांकि, सबसे पहले 1918 में 11 मई को मानसून ने केरल में दस्तक दे दी थी। देरी से मानसून के आने का रिकॉर्ड 1972 में था, जब मानसूनी बारिश 18 जून से शुरू हुई थी। पिछले 25 वर्षों में सबसे देरी से मानसून का आगमन 2016 में हुआ था, जब मानसून ने 9 जून को केरल में प्रवेश किया था।
दक्षिणी राज्यों में मौसम विभाग ने शनिवार को केरल, तटीय-दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, कोंकण और गोवा में अलग-अलग स्थानों पर भारी से भारी वर्षा की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने कहा कि 29 मई तक केरल और तटीय कर्नाटक में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है। इस दौरान 40-50 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चलेंगी। तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी अगले पांच दिनों में छिटपुट बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं।
दक्षिणी राज्यों में मौसम विभाग ने शनिवार को केरल, तटीय-दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, कोंकण और गोवा में अलग-अलग स्थानों पर भारी से भारी वर्षा की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने कहा कि 29 मई तक केरल और तटीय कर्नाटक में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है। इस दौरान 40-50 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चलेंगी। तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी अगले पांच दिनों में छिटपुट बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं।