प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान के तहत त्रिपुरा और ओडिशा में ग्रामीण संपर्क को मिलेगा नया आयाम, सरकार ने दी बड़ी सौगात

Report by Nimmi Thakur
नई दिल्ली। भारत सरकार का ग्रामीण विकास मंत्रालय देश के दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTG) के समावेशी विकास को सुनिश्चित करने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) के अंतर्गत त्रिपुरा और ओडिशा राज्यों को ग्रामीण संपर्क के क्षेत्र में बड़ी सौगात दी गई है।
त्रिपुरा को 84 नई सड़कों की मंजूरी, ग्रामीण संपर्क को मिलेगी नई गति
सरकार ने त्रिपुरा राज्य में 76.47 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश से 84.352 किलोमीटर लंबी 25 नई सड़कों को मंजूरी प्रदान की है। इससे पहले भी राज्य को 114.32 करोड़ रुपये की लागत से 118.756 किलोमीटर लंबी 42 सड़कों की स्वीकृति दी जा चुकी है। ये सभी सड़कें राज्य के जनजातीय बहुल क्षेत्रों में बनाए जाएंगे, जिससे पीवीटीजी समुदायों को सभी मौसमों में सुगम परिवहन की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
ओडिशा में विकास की रफ्तार होगी तेज, मंजूर हुईं 26 सड़कें और 2 लंबे पुल
ओडिशा राज्य को इस योजना के अंतर्गत 69.65 करोड़ रुपये के निवेश से 63.271 किलोमीटर लंबी 26 सड़कों और 2 लंबे पुलों (एलएसबी) की स्वीकृति दी गई है। इससे पहले भी राज्य में 219.40 करोड़ रुपये की लागत से 66 सड़कें और 4 एलएसबी को मंजूरी दी गई थी। ये सभी परियोजनाएं राज्य के दूरस्थ जनजातीय अंचलों में कार्यान्वित की जाएंगी।
पीएम-जनमन के जरिए सरकार की प्राथमिकताएं स्पष्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के “विकसित भारत” के विज़न के अनुरूप, यह अभियान न सिर्फ आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करता है, बल्कि जनजातीय समुदायों को मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो रहा है।
इन परियोजनाओं से प्राप्त होने वाले संभावित लाभ:
-
पीवीटीजी बस्तियों को सभी मौसमों में उपयोगी सड़क संपर्क उपलब्ध होगा।
-
स्वास्थ्य, शिक्षा, बाज़ार और सरकारी सेवाओं तक पहुंच बेहतर होगी।
-
स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
-
क्षेत्रीय व्यापार, कृषि और लघु उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा।
-
दूरदराज़ गांवों को शहरी केंद्रों से जोड़कर व्यापक आर्थिक विकास को गति दी जाएगी।
-
समावेशी विकास और सामाजिक न्याय को मजबूती मिलेगी।
सरकार की प्रतिबद्धता – “किसी को पीछे नहीं छोड़ेंगे”
पीएम-जनमन योजना के तहत स्वीकृत परियोजनाएं, भारत सरकार की उस संकल्पना को जीवंत करती हैं जिसमें हर व्यक्ति, हर गांव और हर समुदाय तक विकास की रोशनी पहुंचे। यह पहल विशेष रूप से उन जनजातीय समुदायों के लिए आशा की नई किरण है, जो अब तक बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहे हैं।
ग्रामीण विकास मंत्रालय का यह निर्णय न केवल ढांचागत विकास का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक न्याय और भारत के लोकतांत्रिक मूल्य को धरातल पर उतारने का एक सशक्त माध्यम भी बन रहा है।