पाक में बड़े खेल की तैयारी में तालिबान और पाकिस्तानी उलेमा, बढ़ रहा शहबाज-मुनीर का सिर दर्द

 पाक में बड़े खेल की तैयारी में तालिबान और पाकिस्तानी उलेमा, बढ़ रहा शहबाज-मुनीर का सिर दर्द

काबुल। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अफगानिस्तान के अंतरिम तालिबानी शासन के गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी का बड़ा बयान सामने आया है। रविवार को काबुल में एक कार्यक्रम के दौरान हक्कानी ने पाकिस्तान समेत उन सभी संगठनों और नेताओं का आभार जताया, जो अफगानिस्तान के प्रति सकारात्मक सोच और सहयोग का संदेश दे रहे हैं। उन्होंने खास तौर पर पाकिस्तानी पार्टी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (JUI-F) और उसके प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान की भूमिका की सराहना की, जिन्होंने दोनों देशों से संवाद और शांति बनाए रखने की अपील की थी।

बता दें कि हक्कानी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब जेयूएल-एफ के नेता मौलाना फजलुर रहमान ने 23 दिसंबर को पाकिस्तान की ही आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में आतंकवादियों पर हमला किया और अफगान शरणार्थियों को देश से निकाल दिया। ऐसे में फजलुर रहमान का ये बयान खूब चर्चा में रहा।

मुनीर और शहबाज के लिए बने सिर दर्द?

इस बात को ऐसे समझा जा सकता है कि जेयूएल-एफ पार्टी पाकिस्तानी सरकार के गठबंधन दल का हिस्सा है। दूसरी ओर अफगानिस्तान और पाकिस्तान में हाल के दिनों भीषण तनाव भी देखने को मिला। ऐसे में मौलाना फजलुर रहमान का अफगानिस्तान की तारीफ और पाकिस्तान की आलोचना करना। फिर सोमवार को तालिबानी मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी का रहमान और उनकी पार्टी का सराहना करना, कई बड़े संकेत दे रहे हैं। विषेशज्ञों की माने तो ऐसी अटकलें तेज हो रही है कि फजलुर रहमान शहबाज शरीफ और आसीम मुनीर के खिलाफ जाकर तालिबान का समर्थन कर सकते है।

अगर ऐसा हुआ तो पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाकिस्तान के ‘सो कॉल्ड’ सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसीम मुनीर की मुश्किलें सातवें आसमान पर पहुंच गई है। ऐसे में सवाल ये खड़ा हो रहा है कि क्या पाकिस्तानी उलेमाओं ने सरकार के विरोध अपना रुख कर पीएम शहबाज और मुनीर को किसी बड़े गेम का संकेत दिया है?