भारतीय अर्थव्यवस्था को नए साल में मिलेगी तेज मजबूती, घरेलू खपत से मिल रहा लाभ

 भारतीय अर्थव्यवस्था को नए साल में मिलेगी तेज मजबूती, घरेलू खपत से मिल रहा लाभ

नई दिल्ली। वैश्विक आर्थिक विकास के स्थिर रहने की उम्मीद के बीच अगले साल भी भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा। गोल्डमैन सैश के अनुसार, 2026 में वैश्विक विकास दर के 2.8 फीसदी रहने का अनुमान है। यह 2.5 फीसदी के आम सहमति अनुमान से अधिक है। यह कई अर्थव्यवस्थाओं में स्थिर महंगाई और आसान मौद्रिक स्थितियों के कारण संभव हो पा रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है, टैरिफ में कमी, कर कटौती और आसान वित्तीय स्थितियों के कारण अमेरिका का प्रदर्शन काफी बेहतर रहने की संभावना है। मजबूत घरेलू मांग और अनुकूल संरचनात्मक रुझानों के कारण भारत सहित उभरते बाजारों का प्रदर्शन विकसित देशों से बेहतर रहने की उम्मीद है। इस दौरान भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर लगभग 6.7 फीसदी और 2027 में 6.8 फीसदी रह सकती है। यह आम सहमति के विकास अनुमानों से अधिक है और भारत को तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाए रखता है।

अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं में कम होगा मूल्य का दबाव

गोल्डमैन सैश का अनुमान है कि कमोडिटी की कम कीमतों, बेहतर उत्पादकता और आपूर्ति पक्ष की बाधाओं में कमी से 2026 के अंत तक अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं में मूल्य दबाव कम हो जाएगा। इस माहौल से कई उभरते बाजारों के केंद्रीय बैंकों को उदार नीतिगत रुख बनाए रखने या अपनाने की अनुमति मिलने की संभावना है, जो भारत जैसे देशों के लिए विकास की संभावनाओं को और अधिक समर्थन दे सकता है।

चीन की विकास दर 4.8 प्रतिशत

फर्म का अनुमान है कि चीन 2026 में 4.8 और 2027 में 4.7 फीसदी की दर से विकास करेगा। भारत की विकास गति को मजबूत घरेलू खपत, सार्वजनिक अवसंरचना पर खर्च और निर्यात प्रधान अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में वैश्विक व्यापार व्यवधानों के प्रति अपेक्षाकृत सीमित जोखिम से लगातार लाभ मिल रहा है।