भारत में हर चौथी महिला यौन प्रताड़ना का शिकार, दुनिया एक अरब महिलाएं यौन हिंसा की शिकार
- दिल्ली राष्ट्रीय स्वास्थ्य
Political Trust
- December 11, 2025
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नई दिल्ली। दुनिया में एक अरब महिलाएं बचपन में यौन हिंसा की शिकार हुई हैं। लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर चौथी महिला ने यौन प्रताड़ना झेली है।
लैंसेट ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि साल 2023 में यौन हिंसा झेलने वालों में 15 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग शामिल था। वहीं, 60.8 करोड़ महिलाएं भी अपने जीवन में कभी न कभी अनके पार्टनर ने ही प्रताड़ित किया।
रिपोर्ट के अनुसार सब-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया इन हिंसाओं का सबसे बड़ा केंद्र हैं, जहां हिंसा के साथ एचआईवी और अन्य बीमारियों का खतरा भी ज्यादा है। रिपोर्ट में इन मामलों में भारत की स्थिति को भी चिंताजनक बताया गया है। आंकड़ों के मुताबिक, 23 फीसदी महिलाओं ने पार्टनर हिंसा झेली, जबकि 30 फीसदी महिलाएं और 13 फीसदी पुरुष बचपन में यौन हिंसा का सामना कर चुके हैं। यह हिंसा सिर्फ सामाजिक या अपराध का मुद्दा नहीं, बल्कि एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट है।
दुनिया में पार्टनर की प्रताड़ना से 145,000 मौतें
साल 2023 में दुनिया में पार्टनर की प्रताड़ना से 145,000 मौतें, जबकि बचपन की यौन हिंसा से जुड़े मामलों में 2.9 लाख मौतें दर्ज हुईं। मानसिक रोग, अवसाद, नशे की लत और आत्महत्या के खतरे इन हिंसाओं से गहरे जुड़े पाए गए। विशेषज्ञों ने कहा, कानूनी ढांचे मजबूत करने, जेंडर समानता और पीड़ितों के लिए सपोर्ट सिस्टम बढ़ाने की तत्काल जरूरत है।
बल्कि स्वास्थ्य पर भी संकट
विशेषज्ञों ने कहा कि यह मानवाधिकार नहीं, बल्कि स्वास्थ्य पर भी संकट है। टीम की प्रमुख डॉ. लुइसा फ्लोर ने कहा कि इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि घरेलू और यौन हिंसा को केवल सामाजिक या कानूनी मुद्दा मानना गलत है। यह बड़े पैमाने पर पब्लिक हेल्थ इमर्जेंसी है। जिसके समाधान के लिए मजबूत कानून, लिंग समानता और पीड़ितों के सपोर्ट सिस्टम को बढ़ाना जरूरी है।
रिपोर्ट के अनुसार सब-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया इन हिंसाओं का सबसे बड़ा केंद्र हैं, जहां हिंसा के साथ एचआईवी और अन्य बीमारियों का खतरा भी ज्यादा है। रिपोर्ट में इन मामलों में भारत की स्थिति को भी चिंताजनक बताया गया है। आंकड़ों के मुताबिक, 23 फीसदी महिलाओं ने पार्टनर हिंसा झेली, जबकि 30 फीसदी महिलाएं और 13 फीसदी पुरुष बचपन में यौन हिंसा का सामना कर चुके हैं। यह हिंसा सिर्फ सामाजिक या अपराध का मुद्दा नहीं, बल्कि एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट है।
दुनिया में पार्टनर की प्रताड़ना से 145,000 मौतें
साल 2023 में दुनिया में पार्टनर की प्रताड़ना से 145,000 मौतें, जबकि बचपन की यौन हिंसा से जुड़े मामलों में 2.9 लाख मौतें दर्ज हुईं। मानसिक रोग, अवसाद, नशे की लत और आत्महत्या के खतरे इन हिंसाओं से गहरे जुड़े पाए गए। विशेषज्ञों ने कहा, कानूनी ढांचे मजबूत करने, जेंडर समानता और पीड़ितों के लिए सपोर्ट सिस्टम बढ़ाने की तत्काल जरूरत है।
बल्कि स्वास्थ्य पर भी संकट
विशेषज्ञों ने कहा कि यह मानवाधिकार नहीं, बल्कि स्वास्थ्य पर भी संकट है। टीम की प्रमुख डॉ. लुइसा फ्लोर ने कहा कि इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि घरेलू और यौन हिंसा को केवल सामाजिक या कानूनी मुद्दा मानना गलत है। यह बड़े पैमाने पर पब्लिक हेल्थ इमर्जेंसी है। जिसके समाधान के लिए मजबूत कानून, लिंग समानता और पीड़ितों के सपोर्ट सिस्टम को बढ़ाना जरूरी है।
