पश्चिम बंगाल में 50 लाख से अधिक फर्जी वोटर! NDA नेताओं ने विपक्ष को ‘जमकर कोसा’
- दिल्ली राजनीति राष्ट्रीय
Political Trust
- December 8, 2025
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कोलकाता/नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के दौरान चुनाव आयोग (Election Commission) ने एक चौंकाने वाला बड़ा खुलासा किया है। एसआईआर प्रक्रिया के तहत राज्य में लगभग 50 लाख से अधिक फर्जी मतदाताओं की पहचान की गई है। इस बड़े पैमाने के खुलासे के बाद राज्य की सियासत में भूचाल आ गया है और सियासी बयानबाजी तेज हो गई है।
NDA ने बोला तीखा हमला
50 लाख फर्जी मतदाताओं की पहचान होने के बाद NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के नेताओं ने राज्य सरकार और विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला है।
NDA नेताओं ने आरोप लगाया है कि यह फर्जीवाड़ा राज्य में सत्तारूढ़ दल द्वारा चुनावी लाभ लेने के लिए किया गया है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के साथ धोखाधड़ी और चुनावों में धांधली की सुनियोजित साजिश बताया है।
सूत्रों के अनुसार, NDA के शीर्ष नेताओं ने इस मुद्दे पर विपक्ष को “जमकर धोया” है और कहा है कि यह संख्या राज्य में चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की क्षमता रखती है।
क्या है SIR अभियान?
SIR (Special Intensive Revision) अभियान चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची को त्रुटिहीन और अपडेट करने के लिए चलाया जाता है। इसमें बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर मृतक, अनुपस्थित, स्थानांतरित या डुप्लीकेट मतदाताओं की पहचान करते हैं।
पश्चिम बंगाल में 50 लाख फर्जी मतदाताओं की पहचान होना यह दर्शाता है कि राज्य की मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर अनियमितताएँ थीं, जिनका राजनीतिक लाभ लिया जा सकता था। चुनाव आयोग ने अब इन सभी फर्जी नामों को सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस खुलासे से आगामी चुनावों से पहले राज्य की राजनीति और भी गर्मा गई है।
50 लाख फर्जी मतदाताओं की पहचान होने के बाद NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के नेताओं ने राज्य सरकार और विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला है।
NDA नेताओं ने आरोप लगाया है कि यह फर्जीवाड़ा राज्य में सत्तारूढ़ दल द्वारा चुनावी लाभ लेने के लिए किया गया है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के साथ धोखाधड़ी और चुनावों में धांधली की सुनियोजित साजिश बताया है।
सूत्रों के अनुसार, NDA के शीर्ष नेताओं ने इस मुद्दे पर विपक्ष को “जमकर धोया” है और कहा है कि यह संख्या राज्य में चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की क्षमता रखती है।
क्या है SIR अभियान?
SIR (Special Intensive Revision) अभियान चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची को त्रुटिहीन और अपडेट करने के लिए चलाया जाता है। इसमें बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर मृतक, अनुपस्थित, स्थानांतरित या डुप्लीकेट मतदाताओं की पहचान करते हैं।
पश्चिम बंगाल में 50 लाख फर्जी मतदाताओं की पहचान होना यह दर्शाता है कि राज्य की मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर अनियमितताएँ थीं, जिनका राजनीतिक लाभ लिया जा सकता था। चुनाव आयोग ने अब इन सभी फर्जी नामों को सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस खुलासे से आगामी चुनावों से पहले राज्य की राजनीति और भी गर्मा गई है।
