अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने सख्त की वीजा जांच: H-1B और H-4 आवेदकों को करना होगा ये काम
- राष्ट्रीय विदेश
Political Trust
- December 7, 2025
- 0
- 39
- 1 minute read
वॉशिंगटन। ट्रंप प्रशासन ने ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के तहत इमिग्रेशन नियम और सख्त कर दिए हैं। इसके तहत 15 दिसंबर से H-1B और H-4 वीजा आवेदकों की जांच कड़ी होगी, जिसके लिए सभी को अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘पब्लिक’ करने होंगे। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि वीजा कोई अधिकार नहीं, बल्कि सुरक्षा से जुड़ी विशेष अनुमति है।
अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने अपने ‘अमेरिका फर्स्ट’ एजेंडे के तहत इमिग्रेशन नियमों को और सख्त कर दिया है। व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप काम से जुड़े वीज़ा नियमों को कड़ा कर रहे हैं और जांच प्रक्रिया को और मजबूत बना रहे हैं। इसके तहत अमेरिका की ट्रंप सरकार ने घोषणा की है कि 15 दिसंबर से H-1B वीजा और उनके परिवार (H-4) आवेदकों की जांच और कड़ी होगी। इसके लिए बनाए गए नए नियमों के तहत सबसे पहले सभी वीजा आवेदकों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘पब्लिक’ करना होगा, ताकि अधिकारी उनकी ऑनलाइन गतिविधियों की जांच कर सकें।
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि वीजा पाना एक अधिकार नहीं, बल्कि एक विशेष अनुमति है। हर वीजा जांच राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। मामले में अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सभी उपलब्ध जानकारी देखकर ही फैसला लें कि आवेदक को वीजा दिया जाए या नहीं।
भारतीयों में बढ़ी चिंता, समझिए कैसे?
बता दें कि ट्रंप प्रशासन के इस नए और सख्त कदम के बाद अमेरिका में वीजा पर काम करने वाले भारतीयों के लिए थोड़ी-बहुत चिंता बढ़ने की बात कही जा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि H-1B वीजा लेने वालों में बड़ी संख्या भारतीय प्रोफेशनल्स की है, इसलिए यह फैसला भारतीयों पर खास असर डाल सकता है। हालांकि इससे पहले भी सितंबर में राष्ट्रपति ट्रंप ने एक आदेश जारी कर नए H-1B वीजा आवेदन पर 100,000 डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) की एकमुश्त फीस लगा दी थी।
19 देशों के नागरिकों के ग्रीन कार्ड व अन्य आवेदन होल्ड पर
इसके साथ ही अमेरिका ने 19 संवेदनशील देशों के नागरिकों के ग्रीन कार्ड, नागरिकता और अन्य इमिग्रेशन आवेदन अस्थायी रूप से रोक दिए हैं। USCIS ने यह फैसला वॉशिंगटन डीसी में हुई एक फायरिंग घटना के बाद लिया, जिसमें अमेरिकी आर्मी स्पेशलिस्ट सारा बेकस्ट्रॉम की मौत हो गई और एयर फोर्स सार्जेंट एंड्रयू वोल्फ गंभीर रूप से घायल हुए।
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि वीजा पाना एक अधिकार नहीं, बल्कि एक विशेष अनुमति है। हर वीजा जांच राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। मामले में अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सभी उपलब्ध जानकारी देखकर ही फैसला लें कि आवेदक को वीजा दिया जाए या नहीं।
भारतीयों में बढ़ी चिंता, समझिए कैसे?
बता दें कि ट्रंप प्रशासन के इस नए और सख्त कदम के बाद अमेरिका में वीजा पर काम करने वाले भारतीयों के लिए थोड़ी-बहुत चिंता बढ़ने की बात कही जा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि H-1B वीजा लेने वालों में बड़ी संख्या भारतीय प्रोफेशनल्स की है, इसलिए यह फैसला भारतीयों पर खास असर डाल सकता है। हालांकि इससे पहले भी सितंबर में राष्ट्रपति ट्रंप ने एक आदेश जारी कर नए H-1B वीजा आवेदन पर 100,000 डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) की एकमुश्त फीस लगा दी थी।
19 देशों के नागरिकों के ग्रीन कार्ड व अन्य आवेदन होल्ड पर
इसके साथ ही अमेरिका ने 19 संवेदनशील देशों के नागरिकों के ग्रीन कार्ड, नागरिकता और अन्य इमिग्रेशन आवेदन अस्थायी रूप से रोक दिए हैं। USCIS ने यह फैसला वॉशिंगटन डीसी में हुई एक फायरिंग घटना के बाद लिया, जिसमें अमेरिकी आर्मी स्पेशलिस्ट सारा बेकस्ट्रॉम की मौत हो गई और एयर फोर्स सार्जेंट एंड्रयू वोल्फ गंभीर रूप से घायल हुए।
