इंडिगो संकट के बीच आसमान पर किराया, दिल्ली से हैदराबाद का किराया 50 हजार के पार
- दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- December 6, 2025
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नई दिल्ली। देश का हवाई परिचालन इंडिगो के संकट के चलते इन दिनों बुरी तरह प्रभावित है। हवाई यात्री परेशान है। हैरानी की बात ये है कि ऐसे समय में यात्रियों को राहत देने पर फोकस करने के बजाय देश की विमानन कंपनियां किराए की लूट करने में लगी हैं और हवाई किराया कई गुना बढ़ा दिया है।
विमानन कंपनी इंडिगो पांच दिनों से परिचालन संकट से जूझ रही है। इसके चलते देश के प्रमुख हवाई अड्डों पर हंगामे की स्थिति है और लाखों लोग परेशान हैं। लोग कई घंटों से हवाई अड्डों पर फंसे हुए हैं। ऐसे हालात में भी देश की विमानन कंपनियां बेशर्मी से लोगों से किराए की लूट करने में जुटी हैं और औसत किराए की तुलना में कई गुना ज्यादा किराया वसूल रही हैं। दिल्ली से हैदराबाद के बीच का हवाई किराया शनिवार को कई फ्लाइट बुकिंग प्लेटफॉर्म पर 36 हजार से ज्यादा पहुंच गया है।
टूटी सरकार की नींद
बीते पांच दिनों में इंडिगो की 2500 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। इसके चलते उपलब्ध सीटों की संख्या घट गई। विमानन कंपनियों ने इस आपदा में अवसर देखा और हवाई किराए में भारी बढ़ोतरी कर दी। ऐसी स्थिति में हवाई यात्री खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि बीते चार दिनों से सरकार ने भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया, लेकिन आज शनिवार को सरकार की नींद टूटी। अब सरकार ने एयरलाइंस को निर्देश जारी कर ज्यादा किराया वसूलने पर कार्रवाई की बात कही है।
डीजीसीए के नियमों को लागू करने में असफल रही
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पायलटों की थकान को कम करने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियमों में बदलाव किए थे। इसे दो चरणों में लागू किया गया। पहले फेज में क्रू के लिए साप्ताहिक आराम की अवधि बढ़ाई गई थी और हर हफ्ते 48 घंटे का साप्ताहिक आराम जरूरी किया गया। दूसरे चरण में ‘रेड आई’ उड़ानों यानी देर रात की उड़ानों के लिए क्रू के इस्तेमाल पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए। इनके तहत पायलटों को सिर्फ 2 नाइट लैंडिंग की इजाजत दी गई, जबकि पहले पायलट 6 लैंडिंग तक करते थे। संकट को देखते हुए सरकार ने नियमों को लागू करने में फिलहाल छूट दे दी है। जिसके बाद अगले कुछ दिनों में इंडिगो का परिचालन सामान्य होने की उम्मीद है।
टूटी सरकार की नींद
बीते पांच दिनों में इंडिगो की 2500 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। इसके चलते उपलब्ध सीटों की संख्या घट गई। विमानन कंपनियों ने इस आपदा में अवसर देखा और हवाई किराए में भारी बढ़ोतरी कर दी। ऐसी स्थिति में हवाई यात्री खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि बीते चार दिनों से सरकार ने भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया, लेकिन आज शनिवार को सरकार की नींद टूटी। अब सरकार ने एयरलाइंस को निर्देश जारी कर ज्यादा किराया वसूलने पर कार्रवाई की बात कही है।
डीजीसीए के नियमों को लागू करने में असफल रही
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पायलटों की थकान को कम करने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियमों में बदलाव किए थे। इसे दो चरणों में लागू किया गया। पहले फेज में क्रू के लिए साप्ताहिक आराम की अवधि बढ़ाई गई थी और हर हफ्ते 48 घंटे का साप्ताहिक आराम जरूरी किया गया। दूसरे चरण में ‘रेड आई’ उड़ानों यानी देर रात की उड़ानों के लिए क्रू के इस्तेमाल पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए। इनके तहत पायलटों को सिर्फ 2 नाइट लैंडिंग की इजाजत दी गई, जबकि पहले पायलट 6 लैंडिंग तक करते थे। संकट को देखते हुए सरकार ने नियमों को लागू करने में फिलहाल छूट दे दी है। जिसके बाद अगले कुछ दिनों में इंडिगो का परिचालन सामान्य होने की उम्मीद है।
