एनबीसीसी बनाएगा नया गाजियाबाद: तुलसी निकेतन का आधुनिक शहरी लैंडमार्क के रूप में विकास शुरू

 एनबीसीसी बनाएगा नया गाजियाबाद: तुलसी निकेतन का आधुनिक शहरी लैंडमार्क के रूप में विकास शुरू

नई दिल्ली- एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड, जो आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के अधीन नवरत्न सीपीएसई है, ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के साथ 642.82 करोड़ रुपये की लागत वाली तुलसी निकेतन स्कीम एरिया के पुनर्विकास के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह परियोजना गाजियाबाद में आधुनिक और संधारणीय शहरी विकास को नया आयाम देने जा रही है।

78,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में फैले तुलसी निकेतन में लगभग 2300 आवासीय इकाइयाँ और 64 दुकानें हैं, जिनका पुनर्विकास स्व-संधारणीय मॉडल पर किया जाएगा। परियोजना में कुछ हिस्से का व्यावसायिक उपयोग कर पुनर्विकास को वित्तीय रूप से सक्षम बनाने की योजना है।

साझेदारी के तहत एनबीसीसी विस्तृत साध्यता अध्ययन शुरू करेगा, वहीं जीडीए आवश्यक भूमि दस्तावेज, साइट विवरण और प्रशासनिक सहयोग प्रदान करेगा। साध्यता अनुमोदन के बाद एनबीसीसी परियोजना की पूर्ण कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में डिज़ाइन, निर्माण, वित्तीय प्रबंधन, विपणन, बिक्री और मौजूदा निवासियों के पुनर्वास तक सभी जिम्मेदारियां संभालेगा।

परियोजना के राजस्व प्रबंधन के लिए एक संयुक्त एस्क्रो खाता बनाया जाएगा, जिससे निधि प्रवाह और उपयोग में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। जीडीए और एनबीसीसी के अधिकारियों की एक अधिकार प्राप्त समिति परियोजना की निगरानी करेगी, डिज़ाइन और प्राक्कलन को अनुमोदित करेगी तथा शुरुआत से अंत तक क्रियान्वयन का मार्गदर्शन करेगी।

सत्यापित लाभार्थियों का पुनर्वास और पुनर्स्थापन समयबद्ध और संगठित तरीके से किया जाएगा, जिसमें जीडीए लाभार्थी सूची उपलब्ध कराएगा और एनबीसीसी जमीनी कार्यान्वयन देखेगा। परियोजना का लक्ष्य तुलसी निकेतन को अत्याधुनिक सुविधाओं, श्रेष्ठ अवसंरचना और संधारणीय शहरी माहौल वाले भविष्य-ready आवासीय परिसर के रूप में विकसित करना है।

एनबीसीसी स्व-संधारणीय पुनर्विकास मॉडल का अग्रणी रहा है और न्यू मोतीबाग, पूर्वी किदवई नगर जैसी परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा कर चुका है। सरोजिनी नगर, नेताजी नगर और नौरोजी नगर जैसे बड़े पुनर्विकास कार्यों को भी एनबीसीसी ने गति दी है। वर्तमान में यह गोवा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, केरल सहित कई राज्यों में पुनर्विकास परियोजनाओं पर कार्य कर रहा है तथा अनेक सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के साथ भी साझेदारी में काम कर रहा है।