सितंबर में लोन की औसत ब्याज दर घटी; रेपो दरों में कमी का असर
- कारोबार दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- November 9, 2025
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नई दिल्ली। बैंकों के कर्ज बढ़ाने और इस साल रेपो दर में एक फीसदी की कटौती से सितंबर में लोन की औसत ब्याज दर 0.24 फीसदी घट गई। हालांकि, लगातार पांच महीनों तक जमा पर ब्याज में कटौती के बाद बैंकों ने सितंबर में मामूली बढ़ोतरी कर दी। फरवरी से सितंबर के दौरान कर्ज की ब्याज दरों में 0.83 फीसदी और जमा ब्याज में 1.02 फीसदी की कटौती की गई।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के मुताबिक, भविष्य में ऋण दरों में सीमित कटौती की उम्मीद है। दिसंबर तिमाही में ये बढ़ भी सकती हैं। यह संभावना ऋण मांग में मौसमी वृद्धि और जमा राशि जुटाने में सुस्ती की उम्मीदों से बनी है। सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) के नए ऋणों की औसत ब्याज दर सितंबर में तेजी से गिरकर 8.5 प्रतिशत हो गई। यह अगस्त की तुलना में 0.24 फीसदी कम है। उम्मीद से ज्यादा बड़ा यह सुधार ग्राहकों के लिए त्योहारी सीजन का तोहफा प्रतीत होता है।
उदाहरण के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा ने 28 अगस्त से खुदरा ऋण दरों में 0.25 से 0.70 फीसदी की कटौती की थी। आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और एसबीआई जैसे प्रमुख ऋणदाताओं ने सितंबर में कई ऑफर पेश किए। विभिन्न बैंकों ने कुछ निश्चित अवधियों पर सीमांत निधि आधारित उधार दर (एमसीएलआर) में 0.05 से 0.15 फीसदी तक कटौती की। इस कारण सितंबर में उधार दरों में भारी कमी आई।
0.25 प्रतिशत सस्ते सरकारी बैंक कर्ज
सितंबर में सरकारी बैंकों के कर्ज औसतन 0.25 फीसदी सस्ते हुए। निजी क्षेत्र के बैंक स्थिर गति से आगे बढ़ रहे हैं। जून में उदार कटौती के बाद जुलाई में दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की। उसके बाद से उन्होंने लगातार दरें कम की हैं। सितंबर में निजी बैंकों के कर्ज की औसत ब्याज दरें 0.10 फीसदी कम हो गई। कुल मिलाकर, सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के नए कर्जों में मौजूदा ढील चक्र के दौरान 0.83 फीसदी की गिरावट आई है। यह जनवरी के 9.3 प्रतिशत से घटकर 8.5 प्रतिशत हो गया है।
उदाहरण के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा ने 28 अगस्त से खुदरा ऋण दरों में 0.25 से 0.70 फीसदी की कटौती की थी। आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और एसबीआई जैसे प्रमुख ऋणदाताओं ने सितंबर में कई ऑफर पेश किए। विभिन्न बैंकों ने कुछ निश्चित अवधियों पर सीमांत निधि आधारित उधार दर (एमसीएलआर) में 0.05 से 0.15 फीसदी तक कटौती की। इस कारण सितंबर में उधार दरों में भारी कमी आई।
0.25 प्रतिशत सस्ते सरकारी बैंक कर्ज
सितंबर में सरकारी बैंकों के कर्ज औसतन 0.25 फीसदी सस्ते हुए। निजी क्षेत्र के बैंक स्थिर गति से आगे बढ़ रहे हैं। जून में उदार कटौती के बाद जुलाई में दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की। उसके बाद से उन्होंने लगातार दरें कम की हैं। सितंबर में निजी बैंकों के कर्ज की औसत ब्याज दरें 0.10 फीसदी कम हो गई। कुल मिलाकर, सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के नए कर्जों में मौजूदा ढील चक्र के दौरान 0.83 फीसदी की गिरावट आई है। यह जनवरी के 9.3 प्रतिशत से घटकर 8.5 प्रतिशत हो गया है।
