केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान बोले -दुनिया की सारी समस्याओं का समाधान जैन धर्म में है
भोपाल/नई दिल्ली, 8 नवंबर 2025
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को भोपाल के अवधपुरी स्थित श्री विद्याप्रमाण गुरुकुलम् में आयोजित परम पूज्य मुनि श्री 108 प्रमाण सागर जी महाराज के वर्षायोग समापन एवं गुणायतन महाधिवेशन में शामिल हुए।
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि परम पूज्य आचार्य श्री का सान्निध्य स्वयं में अद्भुत ऊर्जा का स्रोत है। उनके आशीर्वचन जीवन में शुचिता, संयम और साधना के मार्ग पर निरंतर अग्रसर रहने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया की सभी समस्याओं का समाधान जैन दर्शन में है।
चौहान ने कहा कि आज की अशांत दुनिया में देशों के बीच संघर्ष, अविश्वास और आर्थिक प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है। रूस-यूक्रेन, अफगानिस्तान-पाकिस्तान और ईरान-इजराइल जैसे क्षेत्रों में संघर्ष की स्थिति बनी हुई है। ऐसे समय में जैन परंपरा का ‘जीओ और जीने दो’ तथा ‘अहिंसा परमो धर्मः’ का सिद्धांत ही विश्व शांति का मार्ग दिखाता है। उन्होंने कहा कि भौतिकता की अग्नि में जलती मानवता को शांति का मार्ग दिखाने की क्षमता यदि किसी दर्शन में है तो वह जैन दर्शन है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आध्यात्मिक प्रयास केवल धार्मिक कर्मकांड नहीं बल्कि मानवता को श्रेष्ठ दिशा देने और विश्व को बेहतर बनाने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल भौतिक सुख नहीं, बल्कि आत्मा की अनंत यात्रा को मोक्ष की ओर अग्रसर करना है।
उन्होंने कहा कि धर्म और विज्ञान एक-दूसरे को काटते नहीं, बल्कि समर्थन करते हैं। गुरुकुल में ऐसी शिक्षा दी जाएगी जो पुरातन और आधुनिक, भौतिक और अध्यात्म दोनों को जोड़ने का कार्य करेगी। आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए धर्म और विज्ञान को जोड़कर जीवन के सत्य को सिद्ध करने की दिशा में कार्य किया जा सकता है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अहिंसा ही विश्व शांति का मार्ग है। संपूर्ण सृष्टि में एक ही परम सत्ता विद्यमान है जो हर जीव, पेड़-पौधे, नदियों, पर्वतों और ग्रह-नक्षत्रों में भी व्याप्त है। किसी भी जीव को कष्ट न पहुंचाना ही मानवता का सच्चा धर्म है।
उन्होंने कहा कि गुरुकुल से ऐसी नई पीढ़ी निकलेगी जो धर्म और विज्ञान को जोड़कर मानवता को नई दिशा देगी। यही भारतीय संस्कृति और जैन दर्शन का मूल उद्देश्य है – एक बेहतर और शांतिपूर्ण विश्व का निर्माण।
