अयोध्या चौदहकोसी परिक्रमा: बारिश में पहुंचे 25 लाख श्रद्धालु, 2 किलोमीटर लंबी लाइनें
- उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय हमारी संस्कृति
Political Trust
- October 31, 2025
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अयोध्या। अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा में वर्षा की फुहारें भी मानो अभिषेक कर रही थीं। बच्चे हों या बूढ़े, स्त्री हों या पुरुष, हर मुख से एक ही नाम निकल रहा है वो है -राम..राम…।
14 कोसी परिक्रमा के साथ शुरू हुआ कार्तिक मेला पूरे शबाब पर पहुंच गया। 42 किलोमीटर की परिधि में जुड़वा शहर मानव श्रृंखला से घिरा रहा। परिक्रमा पूरी होने के साथ आस्था का समुद्र सरयू तट से प्रमुख मठ-मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए उमड़ने लगा। डीएम निखिल टीकाराम फुंडे का दावा है कि 25 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने 14 कोसी परिक्रमा की है।
कार्तिक शुक्ल पक्ष अक्षय नवमी तिथि से शुरू होने वाला कार्तिक मेला बुधवार की देर रात शुरू हुआ। परिक्रमा का मुहुर्त बृहस्पतिवार सुबह चार बजकर 50 मिनट था लेकिन श्रद्धालुओं ने तय मुहूर्त से पहले ही परिक्रमा शुरू कर दी। बुधवार की शाम से लेकर बृहस्पतिवार की देर रात तक परिक्रमा चली।
24 घंटे से अधिक समय तक परिक्रमा पथ पर आस्था प्रवाहमान रही। वहीं भोर से शुरू हुई बारिश ने श्रद्धालुओं की खूब परीक्षा ली। लगातार हो रही बारिश ने परिक्रमा पथ को कीचड़ से भर दिया, पर भक्तों के मन में उठ रही “जय श्रीराम” की गूंज ने हर कठिनाई को लघु कर दिया।
सरयू किनारे से अपने कदम बढ़ाते दिखे
इस पुकार में भक्ति का ऐसा प्रवाह था कि मार्ग की दुश्वारियां भी भक्ति के रंग में घुलकर अर्थहीन लगने लगीं। श्रद्धालु भीगते हुए भी न रुके, पांव फिसले पर कदम थमे नहीं। शाम ढले जब आसमान पर हल्की धुंध छाई, तब भी रामनाम की ध्वनि थमी नहीं।
भीगे कपड़ों और ठंडी हवाओं के बीच हर भक्त के अधरों पर एक ही वाक्य था, राम सियाराम, सियाराम जय जय राम…। परिक्रमा पथ पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। मंडलायुक्त राजेश कुमार, डीएम निखिल टीकाराम फुंडे, आईजी प्रवीण कुमार, एसएसपी डॉक्टर गौरव ग्रोवर मेलाक्षेत्र में भ्रमणशील रहे।
कार्तिक शुक्ल पक्ष अक्षय नवमी तिथि से शुरू होने वाला कार्तिक मेला बुधवार की देर रात शुरू हुआ। परिक्रमा का मुहुर्त बृहस्पतिवार सुबह चार बजकर 50 मिनट था लेकिन श्रद्धालुओं ने तय मुहूर्त से पहले ही परिक्रमा शुरू कर दी। बुधवार की शाम से लेकर बृहस्पतिवार की देर रात तक परिक्रमा चली।
24 घंटे से अधिक समय तक परिक्रमा पथ पर आस्था प्रवाहमान रही। वहीं भोर से शुरू हुई बारिश ने श्रद्धालुओं की खूब परीक्षा ली। लगातार हो रही बारिश ने परिक्रमा पथ को कीचड़ से भर दिया, पर भक्तों के मन में उठ रही “जय श्रीराम” की गूंज ने हर कठिनाई को लघु कर दिया।
सरयू किनारे से अपने कदम बढ़ाते दिखे
इस पुकार में भक्ति का ऐसा प्रवाह था कि मार्ग की दुश्वारियां भी भक्ति के रंग में घुलकर अर्थहीन लगने लगीं। श्रद्धालु भीगते हुए भी न रुके, पांव फिसले पर कदम थमे नहीं। शाम ढले जब आसमान पर हल्की धुंध छाई, तब भी रामनाम की ध्वनि थमी नहीं।
भीगे कपड़ों और ठंडी हवाओं के बीच हर भक्त के अधरों पर एक ही वाक्य था, राम सियाराम, सियाराम जय जय राम…। परिक्रमा पथ पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। मंडलायुक्त राजेश कुमार, डीएम निखिल टीकाराम फुंडे, आईजी प्रवीण कुमार, एसएसपी डॉक्टर गौरव ग्रोवर मेलाक्षेत्र में भ्रमणशील रहे।
