जर्मन-भारत व्यापार बढ़ाने पर सहमति, FTA को गति देने पर जोर

 जर्मन-भारत व्यापार बढ़ाने पर सहमति, FTA को गति देने पर जोर
नई दिल्ली। भारत की यात्रा पर आए जर्मनी के विदेश मंत्री योहान वाडेफुल ने कहा कि उनका देश भारत और जर्मनी के द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए उत्सुक है। उन्होंने कहा कि उनका देश इस बात का ‘तगड़ा’ हिमायती है कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर शीघ्रता से वार्ता संपन्न हो तथा उसे लागू करने की प्रक्रिया आगे बढ़ सके। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘अगर दूसरे व्यापार का मार्ग बाधित करते हैं तो हमें इन बाधाओं को कम करना चाहिए।’
भारत और यूरोपीय संघ के बीच शीघ्र समझौता
वाडेफुल की दो दिवसीय यात्रा पहले ही होनी थी लेकिन वह उस समय हुई जब प्रधानमंत्री मोदी शांघाई सहयोग संगठन की बैठक में रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मिलकर लौटे हैं। अमेरिका द्वारा भारत पर दंडात्मक शुल्क लगाए जाने के बाद से भारत और यूरोपीय संघ के बीच शीघ्र समझौता जरूरी हो गया है। इस बीच भारत ने रूस और चीन के साथ अपने रिश्तों को नए सिरे से संतुलित करने का प्रयास किया है।
भारतीय मित्रों से 100 प्रतिशत सहमति नहीं
रूस के साथ भारत के संबंधों और रूसी तेल की खरीद का उल्लेख करते हुए वाडेफुल ने कहा, ‘मुझे पता है कि इस मुद्दे पर हमारी भारतीय मित्रों से 100 प्रतिशत सहमति नहीं है।’ उन्होंने भारत से आग्रह किया कि वह मास्को के साथ अपने संबंधों का उपयोग करके रूस को यूक्रेन के साथ शांति स्थापित करने के लिए मनाने की कोशिश करे। जब उनसे अमेरिका द्वारा रूसी तेल की खरीद को लेकर भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाने के सवाल पर उनसे पूछा गया, तो वह इस सवाल को टाल गए।
ट्रंप के प्रयासों का समर्थन
जर्मनी के विदेश मंत्री ने कहा कि जर्मनी ने रूस को वार्ता की मेज पर लाने के लिए ट्रंप के प्रयासों का समर्थन किया था। उन्होंने यूरोपीय संघ द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों का उल्लेख करते हुए स्पष्ट किया कि ये ‘लक्षित’ हैं लेकिन ‘शुल्क नहीं हैं’। उन्होंने कहा कि इनका उद्देश्य रूस के युद्ध को वित्तीय रूप से कमजोर करना है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि मास्को इन प्रतिबंधों से बचने के ‘वैकल्पिक रास्ते’ खोज रहा है।
विश्व अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का काम
अमेरिकी शुल्कों का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता हमारे साझा हित में है और यह विश्व अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का काम करेगा। उन्होंने कहा, ‘यह एक ऐसी बात है जिसकी आज विश्व अर्थव्यवस्था को वाकई में आवश्यकता है।’ उन्होंने कहा कि दोनों देशों को शुल्क दरें कम करने और कारोबार तथा आर्थिक सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है।