निक्की हत्याकांड: पति-पत्नी सोते थे अलग? इन सबूतों से हुआ खुलासा

 निक्की हत्याकांड: पति-पत्नी सोते थे अलग? इन सबूतों से हुआ खुलासा
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के निक्की हत्याकांड मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस मामले में कंचन और निक्की के बेटे और अन्य परिजनों से पूछताछ करेगी। मृतका और आरोपी की इंस्टाग्राम आईडी के अलावा अन्य सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट की जांच कर रही है क्योंकि ससुरालवालों ने आरोप लगाया है कि इंस्टाग्राम भी लड़ाई का कारण बनता था।
निक्की हत्याकांड को लेकर नए खुलासे में सामने आया है कि आरोपी पति के कमरे में दो बिस्तर मिले थे। एक बिस्तर फर्श पर लगा मिला था। ऐसे में आशंका व्यक्त की जा रही है कि दोनों के बीच घटना से पहले विवाद हुआ था। यही कारण था कि दोनों में से कोई एक फर्श पर सोता था।
निक्की हत्याकांड के दो पहलू सामने आने के बाद पुलिस जांच में फूंक-फूंककर कदम आगे बढ़ा रही है। वह विधिक विशेषज्ञों की राय लेकर आगे बढ़ रही है। सोशल मीडिया पर सामने आ रहे वीडियो, सीसीटीवी फुटेज, आरोप-प्रत्यारोप और फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर से मिले मेमो से यह केस संवेदनशील बनता जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मायके वाले और बड़ी बहन कंचन ने निक्की की जलाकर हत्या करने के आरोप लगाए हैं तो ससुरालवाले इसे आत्महत्या बता रहे हैं।
पुलिस जांच की दिशा
अगर निक्की की हत्या हुई है तो आरोपियों ने यह कदम क्यों उठाया? क्योंकि पुलिस रिकॉर्ड में निक्की और कंचन की शादी के सात साल से अधिक का समय हो चुका है। इस दौरान थानास्तर पर दोनों बहनों ने कभी भी घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न की शिकायत नहीं दी। अगर दहेज हत्या के मामले की जांच पर सिर्फ पुलिस आगे बढ़ती है तो अदालत में यह मामला कमजोर पड़ सकता है।
पढ़ी-लिखी होने के बावजूद सुसाइड नोट नहीं छोड़ना
अगर निक्की ने आत्महत्या की है तो इसका कोई तो कारण होगा। पढ़ी-लिखी होने के बावजूद सुसाइड नोट नहीं छोड़ना आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले को कमजोर कर सकता है। पुलिस वायरल वीडियो, आरोपी के घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज, कॉल डिटेल, आरोपियों की लोकेशन की भी जांच कर रही है। इस मामले में फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर के भी बयान अहम हैं। पुलिस के पास सिलेंडर फटने से निक्की के झुलसने की डिटेल के साथ मेमो भेजा गया था। हत्या के साथ ही आत्महत्या के लिए उकसाने की दिशा भी जांच कर रही है।
एफआईआर के मुताबिक, आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103 (जो हत्या से संबंधित है), 115 (जानबूझकर चोट पहुंचाने) और 61 (आपराधिक साजिश रचना) लगाई गई हैं।