यूपी में विधायकों-मंत्रियों के वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी, जनता पर पड़ेगा एक अरब का अतिरिक्त भार

 यूपी में विधायकों-मंत्रियों के वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी, जनता पर पड़ेगा एक अरब का अतिरिक्त भार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संबोधन के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। 11 अगस्त से शुरू हुए इस सत्र में कुल 31 घंटे 45 मिनट तक कार्यवाही चली और कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए। इनमें सबसे अधिक चर्चा उत्तर प्रदेश राज्य विधानमंडल सदस्य तथा मंत्री सुख सुविधा विधि संशोधन विधेयक 2025 को लेकर रही, जिसके तहत विधायकों और मंत्रियों के वेतन-भत्तों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई है।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि पिछले वर्ष मार्च 2024 में उनके नेतृत्व में एक समिति बनाई गई थी, जिसने महंगाई और बढ़ते खर्चों को देखते हुए मानदेय व भत्तों में संशोधन की सिफारिश की थी। विधानसभा में गुरुवार को इस विधेयक के पारित होने के साथ ही सरकार के राजकोष पर 1 अरब 5 करोड़ 21 लाख 63 हजार रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
वेतन-भत्तों में प्रमुख बदलाव
विधायक का वेतन: 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 35 हजार रुपये
मंत्री का वेतन: 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये
डिप्टी मंत्री का वेतन: 45 हजार रुपये
निर्वाचन क्षेत्र भत्ता: 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये
रेलवे कूपन: 4,25 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये
दैनिक भत्ता (सत्र/समिति बैठक): 2 हजार से बढ़ाकर 2,500 हजार।
जनसेवा कार्य हेतु दैनिक भत्ता: 1,500 हजार रुपये से बढ़ाकर 2 हजार रुपये
पीए भत्ता: 20 हजार रुपये से बढ़ाकर 30 हजार रुपये
चिकित्सा भत्ता: 30 हजार रुपये से बढ़ाकर 45 हजार रुपये।
टेलीफोन भत्ता: 6 हजार रुपये से बढ़ाकर 9 हजार रुपये।
अन्य विधेयक भी हुए पारित
सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश श्री बांके बिहारी जी मंदिर न्यास विधेयक 2025, उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग (प्रक्रिया का विनियमन) संशोधन विधेयक 2025, और उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन संशोधन विधेयक 2025 भी सर्वसम्मति से पारित हुए।
सत्र की कार्यवाही के आंकड़े
विधानसभा सचिवालय के अनुसार, मानसून सत्र में कुल 2,366 प्रश्न प्राप्त हुए, जिनमें 543 तारांकित और 1,498 अतारांकित प्रश्न थे। उत्तरित प्रश्नों में अल्पसूचित तारांकित प्रश्नों की संख्या 1 और तारांकित प्रश्न 41 रही। कुल अतारांकित प्रश्न 363 रहे।
ऑनलाइन प्राप्त प्रश्नों की संख्या 2,164 रही, जो कुल प्राप्त प्रश्नों का 91.46 प्रतिशत है।
नियम-51 के अंतर्गत कुल 193 सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें 158 ग्राह्य और 35 अस्वीकार हुईं। याचिका समिति में 437 याचिकाएं आईं, जिनमें 380 ग्राह्य और 1 अग्राह्य रही, जबकि व्यक्तिगत याचिकाओं की संख्या 56 रही। नियम-56 के तहत 30 सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें 11 ग्राह्य, 3 ध्यानाकर्षण और 16 अस्वीकृत रहीं। नियम-301 के अंतर्गत 151 सूचनाओं में से 129 स्वीकार और 22 अस्वीकार की गईं। नियम-300 के तहत प्राप्त 9 सूचनाएं सभी अस्वीकृत हो गईं।
नियम-103 के प्रस्ताव के तहत 17 सूचनाएं आईं, जिनमें 16 ग्राह्य और 1 अग्राह्य रही।