प्रदेश में बर्ड फ्लू का प्रकोप, पोल्ट्री उद्योग संकट में
- उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय
Political Trust
- August 15, 2025
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू का प्रकोप फैल रहा है। जिससे प्रदेश के पोल्ट्री उद्योग को गहरा झटका लगा है। उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में बीते चार दिनों में 80 हजार से अधिक मुर्गियों की मौत हो चुकी है, जिससे पोल्ट्री फार्म मालिकों को करीब एक करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। जिले के कई क्षेत्रों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं और प्रशासन ने चिकन व अंडों की बिक्री पर रोक लगा दी है।
बिलासपुर और चंदेन सबसे ज्यादा प्रभावित
रामपुर के बिलासपुर क्षेत्र के सीहोर गांव में पहले दिन ही करीब 15 हजार मुर्गियां मृत पाई गईं। बर्ड फ्लू की पुष्टि होते ही प्रशासन ने शेष मुर्गियों को भी संक्रमण की रोकथाम के लिए नष्ट कर दिया। यहां 35 हजार से अधिक मुर्गियां दफनाई गईं। वहीं, चंदेन गांव में भी 16 हजार से ज्यादा मुर्गियों को मारकर नष्ट किया गया। इन दोनों गांवों में पोल्ट्री फार्म मालिकों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है।
डिलारी और मुस्तफा खुर्द में भी संकट गहराया
मिलकखानम के डिलारी गांव में दो पोल्ट्री फार्मों पर 20 हजार से अधिक मुर्गियां मृत हो चुकी हैं, जबकि मुस्तफा खुर्द के एक फार्म में नौ हजार मुर्गियों की मौत दर्ज की गई है। प्रशासनिक टीमें लगातार खेतों और पोल्ट्री फार्मों में पहुंचकर मृत मुर्गियों को गड्ढों में दफना रही हैं। पशुपालन विभाग ने सभी मृत व जीवित मुर्गियों के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे हैं।
संक्रमण का खतरा, 21 दिन की बिक्री पर रोक
विशेषज्ञों का कहना है कि बर्ड फ्लू सिर्फ मुर्गियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संक्रमण के माध्यम से इंसानों को भी प्रभावित कर सकता है। संक्रमित चिकन या अंडों के सेवन से बीमारी फैलने की संभावना बनी रहती है। इसी को देखते हुए प्रशासन ने 11 अगस्त से पूरे जिले में 21 दिनों तक चिकन और अंडों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
सावन में ठप कारोबार, अब बर्ड फ्लू की मार
पोल्ट्री कारोबारियों के लिए यह साल अब तक बेहद कठिन साबित हुआ है। सावन माह में धार्मिक मान्यताओं के चलते चिकन और मीट की मांग लगभग समाप्त रही। अब जब कारोबारियों को बिक्री बढ़ने की उम्मीद थी, तब बर्ड फ्लू की महामारी ने स्थिति और खराब कर दी। न सिर्फ बिक्री बंद है, बल्कि फार्मों में मुर्गियों की अचानक मौत ने लाखों का निवेश डुबो दिया है।
रामपुर के बिलासपुर क्षेत्र के सीहोर गांव में पहले दिन ही करीब 15 हजार मुर्गियां मृत पाई गईं। बर्ड फ्लू की पुष्टि होते ही प्रशासन ने शेष मुर्गियों को भी संक्रमण की रोकथाम के लिए नष्ट कर दिया। यहां 35 हजार से अधिक मुर्गियां दफनाई गईं। वहीं, चंदेन गांव में भी 16 हजार से ज्यादा मुर्गियों को मारकर नष्ट किया गया। इन दोनों गांवों में पोल्ट्री फार्म मालिकों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है।
डिलारी और मुस्तफा खुर्द में भी संकट गहराया
मिलकखानम के डिलारी गांव में दो पोल्ट्री फार्मों पर 20 हजार से अधिक मुर्गियां मृत हो चुकी हैं, जबकि मुस्तफा खुर्द के एक फार्म में नौ हजार मुर्गियों की मौत दर्ज की गई है। प्रशासनिक टीमें लगातार खेतों और पोल्ट्री फार्मों में पहुंचकर मृत मुर्गियों को गड्ढों में दफना रही हैं। पशुपालन विभाग ने सभी मृत व जीवित मुर्गियों के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे हैं।
संक्रमण का खतरा, 21 दिन की बिक्री पर रोक
विशेषज्ञों का कहना है कि बर्ड फ्लू सिर्फ मुर्गियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संक्रमण के माध्यम से इंसानों को भी प्रभावित कर सकता है। संक्रमित चिकन या अंडों के सेवन से बीमारी फैलने की संभावना बनी रहती है। इसी को देखते हुए प्रशासन ने 11 अगस्त से पूरे जिले में 21 दिनों तक चिकन और अंडों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
सावन में ठप कारोबार, अब बर्ड फ्लू की मार
पोल्ट्री कारोबारियों के लिए यह साल अब तक बेहद कठिन साबित हुआ है। सावन माह में धार्मिक मान्यताओं के चलते चिकन और मीट की मांग लगभग समाप्त रही। अब जब कारोबारियों को बिक्री बढ़ने की उम्मीद थी, तब बर्ड फ्लू की महामारी ने स्थिति और खराब कर दी। न सिर्फ बिक्री बंद है, बल्कि फार्मों में मुर्गियों की अचानक मौत ने लाखों का निवेश डुबो दिया है।