मृत ग्राहकों के खातों के दावों को 15 दिन में निपटाएं बैंक, आरबीआई का सख्त निर्देश

 मृत ग्राहकों के खातों के दावों को 15 दिन में निपटाएं बैंक, आरबीआई का सख्त निर्देश
नई दिल्ली। देश के भारतीय रिजर्व बैंक ने मृत ग्राहकों के बैंक खातों और लॉकरों पर दावों को 15 दिन को निपटाने के निर्देश दिए हैं। जारी निर्देश में कहा गया है कि बैंक अगर तय समय में दावों को नहीं निपटाते हैं तो उन्हें संबंधित नामित को मुआवजा देना होगा। सभी बैंकों के लिए एक समान मानक प्रक्रिया बनेगी, जिससे कि दावा करने वालों को परेशानी नहीं हो। 27 अगस्त तक इस पर संबंधित हितधारकों से टिप्पणियां मांगी गई हैं। नियम एक जनवरी से पहले लागू किया जाना है।
आरबीआई ने जारी किए गए सर्कुलर में कहा, मृत ग्राहकों के बैंक खातों और जमा लॉकरों में रखी वस्तुओं से संबंधित दावों के निपटान के लिए मानक प्रक्रियाएं लाई जाएंगी। बैंक दावों और अन्य दस्तावेजों के लिए मानकीकृत फॉर्म का उपयोग करेगा। जमा खातों या लॉकरों के लिए नामित व्यक्ति को पहचान और पता सत्यापन दावा फॉर्म, मृत्यु प्रमाण पत्र (मृत ग्राहक) और वैध दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा। सभी कागजात की सूची बैंक वेबसाइट पर देनी होगी। ऐसे दावों के निपटान के लिए बैंक को जोखिम प्रबंधन प्रणालियों के आधार पर न्यूनतम 15 लाख रुपये की सीमा तय करनी होगी। इस सीमा में दावे की राशि पाने के लिए दावेदारों के हस्ताक्षरित क्षतिपूर्ति/जमानत बॉन्ड और कानूनी उत्तराधिकारियों से अनापत्ति पत्र (यदि लागू हो) जैसे अतिरिक्त दस्तावेज मांगा जाएगा। बैंक दावेदार को लॉकर में जमा वस्तुओं की सूची बनाने की तिथि तय करने के लिए सूचना जारी करेगा।
सालाना देना होगा 4 प्रतिशत ब्याज
दावों का निपटान करने में अगर बैंक खुद देरी करता है तो उसे दावेदारों को सालाना चार फीसदी के हिसाब से ब्याज देना होगा। देरी की तारीख की गणना सभी कागजात मिलने के बाद से की जाएगी। सुरक्षित जमा लॉकर में रखी वस्तुओं से संबंधित दावों में देरी पर रोजाना 5,000 रुपये की दर से भुगतान करना होगा।