जीएसटी में आठ साल बाद सरकार करेगी बड़ा बदलाव, कई समानों पर घटेगा टैक्स, सस्ते होंगे ये उत्पाद
- कारोबार दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- June 28, 2025
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नई दिल्ली। जीएसटी लगाए जाने के करीब आठ साल बाद सरकार एक और बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। जिससे आम लोगों को सीधा फायदा हो सकता है।
सरकार अब गुड्स एंड सर्विस टैक्स सिस्टम में बदलाव करके कुछ उत्पादों को सस्ता करने की तैयारी में है। 12 प्रतिशत टैक्स स्लैब हटाकर उसमें आने वाले कई सामानों को 5 प्रतिशत टैक्स में लाने की तैयारी है। इससे जूते-चप्पल, मिठाई, कुछ कपड़े और डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे कई सामान सस्ते हो सकते हैं। साथ ही, जो महंगी चीजें जैसे कारें, तंबाकू, पान मसाला, कोल्ड ड्रिंक्स आदि पर अभी एक्स्ट्रा टैक्स (सेस) लगता है, उसे भी अब सीधे जीएसटी के रेट में ही शामिल करने की तैयारी है।
किन चीजों पर लगता है ये सेस?
जीएसटी काउंसिल से जुड़े दो लोगों के हवाले से मिंट ने बताया कि सरकार ने पहले ‘सेस’ इसलिए लगाया था ताकि जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई हो सके। बाद में कोरोना के वक्त राज्यों को जो लोन मिला था, उसकी वसूली के लिए इस सेस को मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया। कारें, सिगरेट और कोल्ड ड्रिंक्स जैसी चीजों पर अभी जीएसटी के अलावा 22% तक सेस लगता है। लेकिन अब सरकार चाहती है कि यही टैक्स सीधे जीएसटी रेट में जोड़ दिया जाए। इसका फायदा ये होगा कि टैक्स सिस्टम पारदर्शी बनेगा और राज्यों को ज्यादा हिस्सा मिलेगा।
सेस हटने पर कितना असर पड़ेगा?
इस साल ये सेस करीब 1.67 लाख करोड़ रुपये का कलेक्शन देगा, लेकिन मार्च 2026 के बाद ये कलेक्शन खत्म हो जाएगा। सरकार के मुताबिक, सेस को जीएसटी में मिलाने से ग्राहकों को कीमत में कोई फर्क नहीं दिखेगा। जैसे अभी एक SUV पर 28% जीएसटी + 22% सेस लगता है, आगे चलकर यही टैक्स सीधे 50% जीएसटी के रूप में दिखेगा।
12% टैक्स स्लैब हटाने की भी तैयारी
केंद्र सरकार की योजना है कि 12% वाला टैक्स स्लैब पूरी तरह से हटा दिया जाए और इसमें आने वाले ज्यादातर सामानों को 5% स्लैब में डाल दिया जाए। इससे जीएसटी की संरचना और भी सरल हो जाएगी और ग्राहकों को भी इसका फायदा मिलेगा। लेकिन इसके लिए राज्यों की सहमति जरूरी है क्योंकि इससे कुछ राज्यों की टैक्स इनकम घट सकती है।
12% टैक्स स्लैब हटेगा तो क्या सस्ते होंगे ये सामान?
सरकार की दूसरी बड़ी तैयारी है- 12% टैक्स स्लैब को खत्म करना और ज्यादातर चीजों को 5% टैक्स में लाना।
12% वाले प्रमुख सामान:
चीज़, टॉफी-कैंडी, डेयरी ड्रिंक्स, कपड़े, जूते, प्रिजर्व्ड फिश
ईंट, क्लीन एनर्जी डिवाइसेज,कंडेंश्ड मिल्क, मक्खन,घी, मक्खन तेल डेयरी स्प्रेड, पनीर इत्यादी। इन सभी पर जब 5 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा तो ये सस्ता हो जाएगा।
किन चीजों पर लगता है ये सेस?
जीएसटी काउंसिल से जुड़े दो लोगों के हवाले से मिंट ने बताया कि सरकार ने पहले ‘सेस’ इसलिए लगाया था ताकि जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई हो सके। बाद में कोरोना के वक्त राज्यों को जो लोन मिला था, उसकी वसूली के लिए इस सेस को मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया। कारें, सिगरेट और कोल्ड ड्रिंक्स जैसी चीजों पर अभी जीएसटी के अलावा 22% तक सेस लगता है। लेकिन अब सरकार चाहती है कि यही टैक्स सीधे जीएसटी रेट में जोड़ दिया जाए। इसका फायदा ये होगा कि टैक्स सिस्टम पारदर्शी बनेगा और राज्यों को ज्यादा हिस्सा मिलेगा।
सेस हटने पर कितना असर पड़ेगा?
इस साल ये सेस करीब 1.67 लाख करोड़ रुपये का कलेक्शन देगा, लेकिन मार्च 2026 के बाद ये कलेक्शन खत्म हो जाएगा। सरकार के मुताबिक, सेस को जीएसटी में मिलाने से ग्राहकों को कीमत में कोई फर्क नहीं दिखेगा। जैसे अभी एक SUV पर 28% जीएसटी + 22% सेस लगता है, आगे चलकर यही टैक्स सीधे 50% जीएसटी के रूप में दिखेगा।
12% टैक्स स्लैब हटाने की भी तैयारी
केंद्र सरकार की योजना है कि 12% वाला टैक्स स्लैब पूरी तरह से हटा दिया जाए और इसमें आने वाले ज्यादातर सामानों को 5% स्लैब में डाल दिया जाए। इससे जीएसटी की संरचना और भी सरल हो जाएगी और ग्राहकों को भी इसका फायदा मिलेगा। लेकिन इसके लिए राज्यों की सहमति जरूरी है क्योंकि इससे कुछ राज्यों की टैक्स इनकम घट सकती है।
12% टैक्स स्लैब हटेगा तो क्या सस्ते होंगे ये सामान?
सरकार की दूसरी बड़ी तैयारी है- 12% टैक्स स्लैब को खत्म करना और ज्यादातर चीजों को 5% टैक्स में लाना।
12% वाले प्रमुख सामान:
चीज़, टॉफी-कैंडी, डेयरी ड्रिंक्स, कपड़े, जूते, प्रिजर्व्ड फिश
ईंट, क्लीन एनर्जी डिवाइसेज,कंडेंश्ड मिल्क, मक्खन,घी, मक्खन तेल डेयरी स्प्रेड, पनीर इत्यादी। इन सभी पर जब 5 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा तो ये सस्ता हो जाएगा।