जीडीपी 9.8 फीसदी बढ़ी, राजकोषीय घाटा जीडीपी के 4.77 फीसदी पर सीमित
- कारोबार दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- May 31, 2025
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नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में देश की जीडीपी वृद्धि दर बढ़कर 7.4 फीसदी पर पहुंच गई है। जो चार तिमाही में सबसे अधिक है। इससे पूरे वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर अनुमान के मुताबिक 6.5 फीसदी रही। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अंतरिम अनुमान में जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने की उम्मीद जताई गई थी। हालांकि चौथी तिमाही की वृद्धि दर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 7.2 फीसदी और अर्थशास्त्रियों के बीच कराए गए रॉयटर्स के सर्वेक्षण के अनुमान 6.7 फीसदी से अधिक रही।
वित्त वर्ष 2025 में नॉमिनल जीडीपी 9.8 फीसदी बढ़कर 330.7 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि बजट में इसके 324.1 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था। इससे सरकार को वित्त वर्ष 2025 के लिए राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.77 फीसदी पर सीमित रखने में मदद मिली जबकि राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान 4.84 फीसदी था।
सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) की वृद्धि जीडीपी की तुलना में धीमी रही और जनवरी-मार्च तिमाही में जीवीए वृद्धि 6.8 फीसदी रही। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि डॉनल्ड ट्रंप के शुल्क युद्ध से व्यापार अनिश्चितता और कमजोर शहरी मांग वित्त वर्ष 2026 में भारत के वृद्धि परिदृश्य को आकार देगी। हालांकि आरबीआई द्वारा आगे रीपो दर में और कटौती से
आर्थिक सुधार को मदद मिल सकती है।
सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) की वृद्धि जीडीपी की तुलना में धीमी रही और जनवरी-मार्च तिमाही में जीवीए वृद्धि 6.8 फीसदी रही। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि डॉनल्ड ट्रंप के शुल्क युद्ध से व्यापार अनिश्चितता और कमजोर शहरी मांग वित्त वर्ष 2026 में भारत के वृद्धि परिदृश्य को आकार देगी। हालांकि आरबीआई द्वारा आगे रीपो दर में और कटौती से
आर्थिक सुधार को मदद मिल सकती है।