दिल्ली से मुंबई और चेन्नई फुल स्पीड से दौड़ेगी ट्रेन, केन्‍द्र की मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी

 दिल्ली से मुंबई और चेन्नई फुल स्पीड से दौड़ेगी ट्रेन, केन्‍द्र की मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी
नई दिल्ली। दिल्‍ली से मुंबई और दिल्‍ली से चेन्‍नई ट्रेन से यात्रा करने वाले लोगों के लिए अच्‍छी खबर है। इस रूट पर ट्रेनें फुल स्‍पीड से चलेंगी और रास्‍ते में बेवजह खड़ी नहीं होंगी। केन्‍द्र सरकार ने दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के चार जिलों को शामिल करने वाली ये परियोजनाएं भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 176 किलोमीटर तक विस्तारित करेंगी। इन मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं के तहत लगभग 784 गांवों तक संपर्क सुविधा बढ़ेगी, जिनकी आबादी लगभग 19.74 लाख है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव के अनुसार रत्‍लाम-नागदा तीसरी और चौथी लाइन और वर्धा-बल्हारशाह चौथी लाइन बनाई जाएगी। इन परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत लगभग 3,399 करोड़ रुपये है और इन्हें 2029-30 तक पूरा किया जाएगा। ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का हिस्सा हैं, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुई हैं। इससे यात्रियों, वस्तुओं और सेवाओं के लिए निर्बाध संपर्क मिलेगा।
ये परियोजनाएं सीमेंट, कोयला, जिप्सम, क्लिंकर, फ्लाई ऐश, कृषि वस्तुओं, कंटेनर और पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 18.40 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। रेलवे पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन का साधन है, जो जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा और देश की लॉजिस्टिक लागत, तेल आयात को कम करेगा तथा कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी लाएगा। यह कमी 99 करोड़ किलोग्राम होगी, जो 4 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
इन पहल से यात्रा सुविधा में सुधार होगा, लॉजिस्टिक लागत, तेल आयात और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने में योगदान मिलेगा, जिससे टिकाऊ और कुशल रेल संचालन को मजबूती मिलेगी। परियोजनाएं कंटेनर, कोयला, सीमेंट, कृषि वस्तुओं और अन्य सामानों के परिवहन के लिए महत्वपूर्ण मार्गों पर लाइन क्षमता को बढ़ाकर लॉजिस्टिक दक्षता को भी बढ़ाएंगी। इन सुधारों से आपूर्ति श्रृंखलाओं का बेहतर उपयोग होने की उम्मीद है, जिससे आर्थिक विकास में तेजी आएगी।