पानी की टंकी में सड़ गए बंदरों के शव, गांव के लोग कीड़ों और बदबू वाला पानी पीते रहे, 20 से अधिक बीमार
- उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य
Political Trust
- May 24, 2025
- 0
- 40
- 1 minute read

बागपत। एनसीआर के जिले बागपत के गांव सरोरा में पानी की सप्लाई करने वाली टंकी में दो बंदर गिर गए और उनकी पानी में डूबने से मौत हो गई। दोनों बंदरों के शव पानी में बुरी तरह से सड़ गए। घरों में आने वाले पानी में बंदर के बाल और कीड़े निकलने लगे, तो ग्रामीणों को इसका पता चला। पानी की टंकी में कीड़े पड़ गए और उसमें बदबू भी आने लगी। बदबू वाला पानी पीने से गांव के 20 से अधिक लोग बीमार हो गए।
दाहा स्थित सरोरा गांव में पेयजल टंकी में दो बंदर डूबकर मर गए। टंकी का पानी पीने से गांव के 20 बच्चों और ग्रामीणों की हालत बिगड़ गई। पानी से बदबू, बंदर के बाल और कीड़े निकलने पर जाकर देखा गया, तो ग्रामीणों को टंकी में बंदरों के मरे पड़े होने का पता चला। इसके बाद ग्रामीणों ने बंदरों के शवों को निकालकर दबवाया। उधर, टंकी से पानी की सप्लाई बंद कर दी गई और उसकी सफाई कराई जा रही है। मगर सवाल उठता है कि टंकी का ढक्कर खुला हुआ क्यों था।
हिंडन नदी किनारे बसे तमेलागढ़ी ग्राम पंचायत के मजरे सरोरा में वर्ष 2018 में एनजीटी के आदेश पर हैंडपंप उखाड़ दिए गए थे। इसके बाद वहां पर पानी की सुविधा के लिए पेयजल टंकी का निर्माण कराया गया। ग्रामीण धीर सिंह, मुकेश, विनीत आदि ने बताया कि पिछले कई दिनों से घरों में टंकी से जाने वाले पानी को पीने के बाद ग्रामीणों की हालत खराब होने लगी।
इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन तीन दिन पहले टंकी से बंदर के बाल, कीड़े और ज्यादा बदबू आने लगी। इस पर उन्होंने पेयजल टंकी पर चढ़कर देखा तो उसमें दो बंदर मृत पड़े मिले, जिनके शव भी कई दिन पुराने होने के कारण सड़ चुके थे। उन्होंने गांव में टंकी के पानी की सप्लाई बंद कराई और बंदरों के शवों को बाहर निकलवाकर गड्ढे की खोदाई कराकर दबवाया।
हिंडन नदी किनारे बसे तमेलागढ़ी ग्राम पंचायत के मजरे सरोरा में वर्ष 2018 में एनजीटी के आदेश पर हैंडपंप उखाड़ दिए गए थे। इसके बाद वहां पर पानी की सुविधा के लिए पेयजल टंकी का निर्माण कराया गया। ग्रामीण धीर सिंह, मुकेश, विनीत आदि ने बताया कि पिछले कई दिनों से घरों में टंकी से जाने वाले पानी को पीने के बाद ग्रामीणों की हालत खराब होने लगी।
इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन तीन दिन पहले टंकी से बंदर के बाल, कीड़े और ज्यादा बदबू आने लगी। इस पर उन्होंने पेयजल टंकी पर चढ़कर देखा तो उसमें दो बंदर मृत पड़े मिले, जिनके शव भी कई दिन पुराने होने के कारण सड़ चुके थे। उन्होंने गांव में टंकी के पानी की सप्लाई बंद कराई और बंदरों के शवों को बाहर निकलवाकर गड्ढे की खोदाई कराकर दबवाया।