आरबीआई ने रद्द किया एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस, ग्राहकों के लिए निर्देश जारी  

 आरबीआई ने रद्द किया एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस, ग्राहकों के लिए निर्देश जारी  
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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लखनऊ के एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। जिसकी वजह से उसका लाइसेंस रद्द किया गया है। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि बैंक ने 19 मई की शाम से कामकाज बंद कर दिया है। उत्तर प्रदेश के को-ऑपरेटिव कमिश्नर और रजिस्ट्रार से बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक (लिक्विडेटर) नियुक्त करने का आदेश जारी करने का भी अनुरोध किया गया है।
98.69 प्रतिशत ग्राहकों को मिल जाएंगे खाते में जमा सारे पैसे
लिक्विडेटर पर, प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) से पांच लाख रुपये तक की अपनी जमा राशि पर जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा। आरबीआई ने कहा कि बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 98.69 प्रतिशत जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं। डीआईसीजीसी ने 31 जनवरी, 2025 तक कुल बीमित जमा राशि में से 21.24 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है। बताते चलें कि आरबीआई ने पिछले महीने अप्रैल में भी कई बैंकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कई को-ऑपरेटिव बैंकों के लाइसेंस रद्द किए थे। पिछले महीने जिन को-ऑपरेटिव बैंकों के लाइसेंस रद्द किए गए थे, उनमें अहमदाबाद का कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक, औरंगाबाद का अजंता अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक और जालंधर का इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक शामिल है।
आरबीआई ने कहा कि लखनऊ का एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की कुछ धाराओं की आवश्यकताओं का पालन करने में विफल रहा है और बैंक का चलते रहना इसके जमाकर्ताओं या ग्राहकों के हित में नहीं है। लाइसेंस को रद्द करने के परिणामस्वरूप, एचसीबीएल सहकारी बैंक को तत्काल प्रभाव से जमा और निकासी समेत बैंक कामकाज से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसका सीधा मतलब ये हुआ कि एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहक अपने खाते में अब न ही पैसे जमा कर पाएंगे और न ही खाते से पैसे निकाल पाएंगे।