राहु करेंगे कुंभ राशि में गोचर, इन राशियों के जातकों के जीवन में बदलावों के संकेत

 राहु करेंगे कुंभ राशि में गोचर, इन राशियों के जातकों के जीवन में बदलावों के संकेत
नई दिल्ली। ज्योतिष के अनुसार राहु रहस्यमयी और छाया ग्रह है।  जो जीवन में अनिश्चितता, भ्रम और अप्रत्याशित बदलावों का संकेत देता है। राहु का गोचर व्यक्ति की सोच, निर्णय लेने की क्षमता और जीवन की दिशा पर प्रभाव डालता है। जब राहु राशि बदलता है, तो इसका असर हर राशि पर अलग-अलग तरीके से दिखाई देता है। 18 मई 2025 को शाम 4:30 बजे राहु कुंभ राशि में गोचर करेगा। यह गोचर 5 दिसंबर 2026 तक प्रभावशाली रहेगा। कुछ राशियों के लिए यह समय सावधानी बरतने का होगा क्योंकि राहु का यह परिवर्तन उनके जीवन में चुनौतियां, मानसिक उलझनें और बाधाएं ला सकता है। आइए जानते हैं किन राशियों को इस राहु गोचर के दौरान विशेष सतर्क रहने की आवश्यकता है।
कर्क राशि
राहु कर्क राशि के आठवें भाव में प्रवेश करेगा, जो बदलाव, गुप्त समस्याओं और अनिश्चितताओं का कारक होता है। इस दौरान पुराने स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे दोबारा सामने आ सकते हैं। साथ ही अचानक आर्थिक नुकसान और वैवाहिक जीवन में अविश्वास की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। मानसिक तनाव और छिपे हुए विरोधियों की वजह से परेशानी बढ़ सकती है।
तुला राशि
राहु तुला राशि के पांचवें भाव में गोचर करेगा, जिससे प्रेम संबंधों में तनाव, ब्रेकअप या गलतफहमी की संभावना है। बच्चों से जुड़ी चिंता, पढ़ाई में रुकावट और निवेश में नुकसान की स्थितियां बन सकती हैं। इस समय फोकस की कमी और निर्णय लेने में भ्रम उत्पन्न हो सकता है।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लिए राहु चौथे भाव में प्रवेश करेगा, जो पारिवारिक जीवन, मां और संपत्ति से संबंधित होता है। इस दौरान घर में अशांति, मां की सेहत से जुड़ी चिंता और प्रॉपर्टी विवाद की स्थिति बन सकती है। करियर में स्थिरता की कमी और मानसिक बेचैनी महसूस हो सकती है।
कुंभ राशि
राहु का आपकी ही राशि में प्रवेश होना आत्म-विश्वास और निर्णय क्षमता पर सीधा असर डाल सकता है। इस दौरान दिमागी उलझन, स्वास्थ्य समस्याएं, खासकर पेट और नसों से जुड़ी तकलीफें बढ़ सकती हैं। वैवाहिक जीवन में गलतफहमियां और आर्थिक हानि की संभावना भी बनी रहेगी।
मीन राशि
राहु मीन राशि के बारहवें भाव में गोचर करेगा, जो खर्च, हानि और अकेलेपन से जुड़ा होता है। इस समय अनावश्यक खर्च बढ़ सकते हैं, नींद की कमी और मानसिक अस्थिरता परेशान कर सकती है। विदेश यात्रा में अड़चनें आ सकती हैं और कार्यस्थल पर असंतोष का माहौल बन सकता है।