उत्तर प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से बढ़ते कदम

 उत्तर प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से बढ़ते कदम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में विद्युत आपूर्ति की सुदृढ़ व्यवस्था की गई है। 2024-25 में दिसंबर तक औसत आपूर्ति ग्रामीण क्षेत्रों में 20 घंटे 35 मिनट, तहसील मुख्यालयों में 22 घंटे 36 मिनट और जिला मुख्यालयों में 24 घंटे तक की जा रही है।

दिसंबर 2023 तक प्रदेश के 2.94 लाख मजरों का विद्युतीकरण किया गया। 2017 से अब तक 165 लाख विद्युत कनेक्शन जारी किए गए हैं। साथ ही 749 नए उपकेंद्र और 1528 उपकेंद्रों की क्षमता में वृद्धि की गई है।

अयोध्या को सोलर सिटी और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को सोलर एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित किया जा रहा है। 16 नगर निगमों और नोएडा को भी सोलर सिटी बनाया जा रहा है। झांसी, जालौन, कानपुर समेत कई जिलों में सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना हो रही है।

ऊर्जा उत्पादन में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। घाटमपुर तापीय परियोजना की पहली इकाई पूर्ण हो चुकी है और बाकी इकाइयों से 2025 में उत्पादन शुरू होगा।

पंप स्टोरेज जल विद्युत परियोजना और जैव ऊर्जा नीति के अंतर्गत 53 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 24 स्थापित की जा चुकी हैं।

किसानों के लिए निजी नलकूपों के बिजली बिल में 100% छूट, खराब ट्रांसफार्मरों को 24 घंटे में बदले जाने की व्यवस्था और 3.99 लाख से अधिक नलकूप संयोजन किए गए हैं।

प्रदेश सरकार ने ऊर्जा के क्षेत्र में नवाचार, निवेश और सतत विकास की दिशा में प्रभावशाली कदम उठाए हैं, जिससे राज्य आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है