ऑपरेशन सिंदूर ने बदली तस्वीर

 ऑपरेशन सिंदूर ने बदली तस्वीर

मोदी सरकार ने भारत की एयर डिफेंस और ऑफेंसिव क्षमताओं को किया अभेद्य 

नई दिल्ली।
मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत ने पिछले एक दशक में अपनी वायु रक्षा प्रणाली को अभूतपूर्व स्तर पर सुदृढ़ किया है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने के बाद पाकिस्तान की जवाबी मिसाइल कार्रवाई को भारत की आधुनिक वायु सुरक्षा प्रणाली ने पूरी तरह नाकाम कर दिया। सभी मिसाइलें या तो इंटरसेप्ट कर दी गईं या निष्क्रिय कर दी गईं – कोई भी अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकी।

11 वर्षों की रणनीतिक तैयारी का परिणाम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीते 11 वर्षों में भारत ने एक बहुस्तरीय, समन्वित और तकनीकी रूप से सशक्त एयर डिफेंस इकोसिस्टम खड़ा किया है। S-400 ट्रायम्फ, बराक-8, आकाश मिसाइलें और DRDO की एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी इस प्रणाली के प्रमुख स्तंभ हैं।

भारत ने केवल रक्षा नहीं की, बल्कि हमला भी किया
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर चीनी मूल की HQ-9 एयर डिफेंस यूनिट को ध्वस्त कर दिया और रडार अवसंरचना को भारी नुकसान पहुंचाया। यह भारत की सटीक और तेज प्रतिक्रिया क्षमता का परिचायक है।

रणनीतिक सौदों और स्वदेशी तकनीक का मिश्रण

₹35,000 करोड़ का S-400 ट्रायम्फ सौदा

बराक-8 मिसाइलों के लिए 2017 में इज़राइल से हुआ $2.5 बिलियन का समझौता

स्वदेशी आकाश मिसाइलें और DRDO द्वारा विकसित काउंटर-ड्रोन सिस्टम

2024 में स्थापित किए गए मैन-पोर्टेबल ड्रोन जैमिंग सिस्टम

मॉडर्न वारफेयर में भारत की तकनीकी छलांग
2021 में भारत में बने ‘लोइटरिंग म्यूनिशन’ ड्रोन ने ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार भाग लिया। ये आत्मघाती ड्रोन सटीकता के साथ विभिन्न क्षेत्रों में हमला करते हुए दुश्मन की रक्षा प्रणाली को चौंकाते हुए भेद गए।

राफेल और हारोप ड्रोन ने दिखाई भारत की हमला क्षमता
इज़राइल-निर्मित लेकिन अब भारत में बने हारोप ड्रोन ने कराची और लाहौर के एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया। साथ ही, राफेल जेट्स पर तैनात SCALP और HAMMER मिसाइलों ने भारत की ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करने की क्षमता को और मजबूत किया।

मोदी सरकार की रक्षा नीति दिखावे से हटकर एक टिकाऊ और तकनीकी रूप से मजबूत व्यवस्था बनाने पर केंद्रित रही है। ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत अब सिर्फ अपने आसमान की रक्षा नहीं करता—वह उसे नियंत्रित भी करता है।