पीएम मोदी की केरल को 8900 करोड़ की सौगात, विझिनजाम बंदरगाह राष्ट को समर्पित
- कारोबार
Political Trust
- May 2, 2025
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के विझिनजम अंतरराष्ट्रीय गहरे पानी के बहुउद्देशीय बंदरगाह का उद्धघाटन किया। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी मौजूद रहे।
केरल की जनता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 8,900 करोड़ रुपये की सौगात दी। इस दौरान उन्होंने हजारों करोड़ की लागत से निर्मित ‘विझिनजाम इंटरनेशनल डीपवाटर मल्टीपर्पज सीपोर्ट’ को राष्ट्र को समर्पित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री पिनराई विजयन भी मौजूद रहे। केरल सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) की ओर से सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत विकसित किया गया है।
पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यहां दुनिया के बड़े मालवाहक जहाज आसानी से आ सकेंगे। अभी तक भारत का 75% ट्रांसशिपमेंट देश के बाहर के पोर्ट्स पर होता था, इससे बहुत बड़ा नुकसान होता आया है। ये परिस्थिति अब बदलने जा रही है। अब देश का पैसा देश के काम आएगा। जो पैसा बाहर जाता था, अब वो केरल और विझिनजम के लोगों के लिए नए अवसर लेकर आएगा।
इससे पहले उन्होंने कहा कि आज भगवान आदि शंकराचार्य की जयंती है। तीन वर्ष पूर्व सितंबर में मुझे उनके जन्मभूमि क्षेत्र में जाने का सौभाग्य मिला था। केरल से निकलकर देश के अलग-अलग कोनों में मठों की स्थापना करके आदि शंकराचार्य जी ने राष्ट्र की चेतना को जागृत किया। इस पुनीत अवसर पर मैं उन्हें नमन करता हूं।
उन्होंने कहा कि गुलामी से पहले हमारे भारत ने हजारों वर्ष की समृद्धि देखी है। एक समय वैश्विक जीडीपी में मेजर शेयर भारत का हुआ करता था। उस दौर में हमें जो चीज दूसरे देशों से अलग बनाती थी, वो थी समुद्री क्षमता, हमारी पोर्ट सिटी की आर्थिक गतिविधि।
पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यहां दुनिया के बड़े मालवाहक जहाज आसानी से आ सकेंगे। अभी तक भारत का 75% ट्रांसशिपमेंट देश के बाहर के पोर्ट्स पर होता था, इससे बहुत बड़ा नुकसान होता आया है। ये परिस्थिति अब बदलने जा रही है। अब देश का पैसा देश के काम आएगा। जो पैसा बाहर जाता था, अब वो केरल और विझिनजम के लोगों के लिए नए अवसर लेकर आएगा।
इससे पहले उन्होंने कहा कि आज भगवान आदि शंकराचार्य की जयंती है। तीन वर्ष पूर्व सितंबर में मुझे उनके जन्मभूमि क्षेत्र में जाने का सौभाग्य मिला था। केरल से निकलकर देश के अलग-अलग कोनों में मठों की स्थापना करके आदि शंकराचार्य जी ने राष्ट्र की चेतना को जागृत किया। इस पुनीत अवसर पर मैं उन्हें नमन करता हूं।
उन्होंने कहा कि गुलामी से पहले हमारे भारत ने हजारों वर्ष की समृद्धि देखी है। एक समय वैश्विक जीडीपी में मेजर शेयर भारत का हुआ करता था। उस दौर में हमें जो चीज दूसरे देशों से अलग बनाती थी, वो थी समुद्री क्षमता, हमारी पोर्ट सिटी की आर्थिक गतिविधि।