हरित योग: व्यक्तिगत स्वास्थ्य से लेकर वैश्विक चेतना तक भारत की क्रांतिकारी पहल

 हरित योग: व्यक्तिगत स्वास्थ्य से लेकर वैश्विक चेतना तक भारत की क्रांतिकारी पहल

‘हरित योग’ व्यक्तिगत और भूमंडलीय स्वास्थ्य दोनों को पोषित करता है: केंद्रीय मंत्री श्री प्रतापराव जाधव

Report by : Nimmi Thakur


भुवनेश्वर, ओडिशा — भारत ने एक बार फिर पूरी दुनिया को योग और पर्यावरणीय स्थिरता के संगम का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है। भुवनेश्वर स्थित कलिंगा स्टेडियम में आज 6000 से अधिक योग साधकों ने ‘कॉमन योग प्रोटोकॉल’ के अभ्यास के साथ ‘हरित योग’ पहल का भव्य स्वागत किया। केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव के नेतृत्व में इस कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ, जहां औषधीय पौधों का रोपण और वितरण किया गया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि भारत अब न केवल योग के माध्यम से मन और शरीर को पोषण दे रहा है, बल्कि धरती माता की सेवा के लिए भी जागरूक हो गया है।

 

योग: एक वैश्विक आंदोलन की भारतीय प्रेरणा

अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने कहा, “पिछले 10 वर्षों में योग ने जिस प्रकार वैश्विक पहचान प्राप्त की है, वह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की दूरदर्शिता का प्रमाण है।” प्रधानमंत्री ने हाल ही में ‘मन की बात’ में योग को “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” की संकल्पना से जोड़ा। वर्ष 2025 के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम भी यही है – जो वैश्विक समग्र स्वास्थ्य की ओर भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

‘हरित योग’: पर्यावरण संरक्षण और योग का पावन संगम

श्री जाधव ने अपने भाषण में कहा, “जिस प्रकार योग हमारे शरीर और आत्मा को पोषण देता है, उसी तरह वृक्षारोपण पृथ्वी को जीवन देता है। ‘हरित योग’ एक ऐसी क्रांतिकारी पहल है जो हर नागरिक को एक वृक्ष लगाने के लिए प्रेरित करती है – व्यक्तिगत स्वास्थ्य के साथ-साथ पृथ्वी के स्वास्थ्य की भी रक्षा।” यह पहल प्रधानमंत्री मोदी के ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान से भी जुड़ती है, जो मातृभूमि और मातृत्व दोनों को सम्मानित करता है।

प्राकृतिक चिकित्सा और पर्यावरणीय चेतना का नया अध्याय

कार्यक्रम में उपस्थित ओडिशा की उपमुख्यमंत्री सुश्री प्रवती परिदा ने योग को “शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य और आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत” बताया और कहा कि भगवान जगन्नाथ की भूमि पर इस ऐतिहासिक आयोजन से ओडिशा गौरवान्वित है।

वहीं, पुरी से सांसद डॉ. संबित पात्रा ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित करने की ऐतिहासिक उपलब्धि का स्मरण किया और इसे भारत की “सॉफ्ट पावर” का प्रतीक बताया।

11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: अब तक का सबसे व्यापक संस्करण

इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY 2025) अपने 11वें संस्करण में प्रवेश कर रहा है। इसकी गतिविधियाँ 10 विशिष्ट कार्यक्रमों पर आधारित होंगी, जिनमें शामिल हैं:

  1. योग संगम – 1 लाख स्थानों पर एक साथ योग प्रदर्शन
  2. योग बंधन – 10 देशों के साथ वैश्विक साझेदारी
  3. योग पार्क – 1000 स्थायी योग पार्कों का निर्माण
  4. योग समावेश – दिव्यांगजन, वृद्धजन और वंचितों के लिए समर्पित सत्र
  5. योग प्रभाव – सार्वजनिक स्वास्थ्य पर योग के प्रभाव का मूल्यांकन
  6. योग कनेक्ट – वैश्विक योग शिखर सम्मेलन
  7. हरित योग – वृक्षारोपण व स्वच्छता अभियान से जुड़ा योग
  8. योग अनप्लग्ड – युवाओं को आकर्षित करने के लिए डिजिटल पहल
  9. योग महाकुंभ – 10 स्थानों पर साप्ताहिक उत्सव
  10. सम्योगम् – योग और आधुनिक चिकित्सा का 100 दिवसीय एकीकरण

इतिहास में दर्ज योग के स्वर्णिम अध्याय

भारत ने हर वर्ष के योग दिवस में कुछ नया और ऐतिहासिक किया है:

  • 2015 – दिल्ली के राजपथ पर 35,985 लोगों की उपस्थिति, दो गिनीज रिकॉर्ड
  • 2020-21 – महामारी के दौरान वर्चुअल आयोजन, करोड़ों की वैश्विक भागीदारी
  • 2023 – ‘ओशन रिंग ऑफ योग’, 35,000 किमी की वैश्विक योग यात्रा
  • 2024 – श्रीनगर में 7,000 प्रतिभागियों ने बारिश में योग किया, ISRO वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष के लिए योग पर शोध किया

 

 

भविष्य की ओर एक सबल और हरित भारत

‘हरित योग’ पहल न केवल योग की पहुंच को गहराता है, बल्कि यह एक समर्पण है – प्रकृति के प्रति, आने वाली पीढ़ियों के लिए। यह एक नया सामाजिक अनुबंध है जिसमें हर नागरिक एक ‘योगी’ और एक ‘हरियाली रक्षक’ बनकर भारत के विकास और पृथ्वी के संरक्षण में भागीदार बनता है।योग अब एक कसरत नहीं, बल्कि एक जीवनशैली बन चुका है। और ‘हरित योग’ इस जीवनशैली को धरती के स्वास्थ्य के साथ जोड़कर इसे वैश्विक उत्तरदायित्व में बदल देता है। यह पहल न केवल भारत को एक स्वास्थ्य नेतृत्वकर्ता के रूप में प्रस्तुत करती है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक जड़ों को भविष्य की दिशा में मजबूती से स्थापित करती है।