बेटिंग एप मामले में ईडी ने जब्त की नामी क्रिकेटरों और फिल्मी हस्तियों की संपत्तियां
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही कथित अवैध सट्टेबाजी एप 1xBet की जांच में अब क्रिकेटरों और फिल्म स्टार के बाद सांसद का नाम भी शामिल हो गया है। इस मामले में आरोपियों की 7.93 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। अभी तक जांच एजेंसी ईडी द्वारा कुल 19 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की गई है। सूत्रों का कहना है कि इस केस की जांच का दायरा, अब बढ़ता जा रहा है। आने वाले दिनों में कई दूसरे जाने-माने चेहरे ईडी की पूछताछ के दायरे में आ सकते हैं। इनमें क्रिकेटरों के अलावा फिल्मी जगत के कई नाम शामिल होने की संभावना है। राजनीतिक दलों से जुड़ी कई हस्तियां भी ईडी के रडार पर हैं।
रडार पर आए ये बड़े नाम
सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म के मामले की जांच में ईडी द्वारा जो संपत्तियां जब्त की गई हैं, उनमें पूर्व क्रिकेटरों, फिल्म अभिनेताओं और सार्वजनिक हस्तियों का नाम सामने आ रहा है। जांच एजेंसी ने इस मामले में कथित वित्तीय लेन-देन का पता लगाया है। जिन व्यक्तियों की संपत्तियां जब्त की गई हैं, उनमें पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह, अंकुश हजरा, रॉबिन उथप्पा, अभिनेता सोनू सूद, अभिनेत्री उर्वशी रौतेला, नेहा शर्मा, तृणमूल कांग्रेस पूर्व सांसद और अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती और अंकुश हाजरा शामिल हैं।
किसकी कितनी संपत्ति अटैच?
इस मामले में ईडी ने युवराज सिंह की 2.5 करोड़ रुपये, रॉबिन उथप्पा की 8.26 लाख रुपये, उर्वशी रौतेला की 2.02 करोड़ रुपये (उनकी मां के नाम पर पंजीकृत), सोनू सूद की 1 करोड़ रुपये, मिमी चक्रवर्ती 59 लाख रुपये,अंकुश हजारा 47.20 करोड़ रुपये और नेहा शर्मा की 1.26 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की गई हैं।
ईडी ने पहले भी 1xBet मामले में कई बड़े नामों के खिलाफ कार्रवाई की है। क्रिकेटर शिखर धवन से जुड़ी 4.55 करोड़ रुपये और पूर्व भारतीय बल्लेबाज सुरेश रैना से जुड़ी 6.64 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की गई थीं। अब 1xBet मामले में जब्त की गई संपत्तियों का कुल मूल्य 19.07 करोड़ तक पहुंच गया है।
जानिए क्या है मामला?
ईडी की जांच में पता चला कि इन सेलिब्रिटीज ने जानबूझकर अपने एजेंटों के जरिए 1xBet को प्रमोट करने के लिए विदेशी कंपनियों के साथ विज्ञापन कंपनियों के साथ अनुबंध किए थे। ये अनुबंध विदेशी कंपनियों के जरिए किए गए पेमेंट के बदले में किए गए थे, ताकि फंड के अवैध स्रोत को छिपाया जा सके, जो अवैध बेटिंग गतिविधियों से होने वाले अपराध की कमाई से जुड़े हैं।
