चुनाव आयोग ने पांच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में बढ़ाई SIR की समय सीमा
- दिल्ली राजनीति राष्ट्रीय
Political Trust
- December 11, 2025
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नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने आज गुरुवार को उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में मतदाता सूची में चल रहे एसआईआर की समयसीमा को बढ़ा दिया है। केरल में चुनाव आयोग पहले ही एसआईआर की समयसीमा बढ़ा चुका है।
चुनाव आयोग ने आज विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर की प्रक्रिया को लेकर अहम फैसला लिया है। जानकारी के मुताबिक, चुनाव आयोग ने पांच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में एसआईआर की समय सीमा को बढ़ाया है। जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 26 दिंसबर तक एसआईआर प्रक्रिया की समयसीमा को बढ़ाई गई है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान निकोबार में 18 दिसंबर तक ये प्रक्रिया जारी रहेगी। तमिलनाडु और गुजरात में 14 दिसंबर तक फॉर्म भरे जाएंगे। आयोग का मानना है कि मतदाता सूची को अधिक सटीक बनाना प्राथमिकता है, इसलिए अतिरिक्त समय देना आवश्यक हो सकता है।
क्या है एसआईआर?
एसआईआर का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची की सफाई और अद्यतन करना है, जिसमें डुप्लीकेट नाम हटाना, मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम निकालना और नए योग्य मतदाताओं (18 वर्ष से ऊपर) को शामिल करना शामिल है। देशभर में इस प्रक्रिया के जरिए फर्जी मतदान की संभावनाओं को भी कम किया जा रहा है। वर्तमान में एसआईआर का दूसरा चरण जारी है। पहले चरण की शुरुआत बिहार से हुई थी। अब दूसरे चरण में राज्यों में बूथ-स्तर अधिकारियों (बीएलओ) की तरफ से घर-घर जाकर सत्यापन किया जा रहा है। कई बीएलओ शिक्षक या सरकारी कर्मचारी होते हैं, जिसके कारण सीमित समय में पूरे क्षेत्र का सत्यापन करना उनके लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।
क्या है एसआईआर?
एसआईआर का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची की सफाई और अद्यतन करना है, जिसमें डुप्लीकेट नाम हटाना, मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम निकालना और नए योग्य मतदाताओं (18 वर्ष से ऊपर) को शामिल करना शामिल है। देशभर में इस प्रक्रिया के जरिए फर्जी मतदान की संभावनाओं को भी कम किया जा रहा है। वर्तमान में एसआईआर का दूसरा चरण जारी है। पहले चरण की शुरुआत बिहार से हुई थी। अब दूसरे चरण में राज्यों में बूथ-स्तर अधिकारियों (बीएलओ) की तरफ से घर-घर जाकर सत्यापन किया जा रहा है। कई बीएलओ शिक्षक या सरकारी कर्मचारी होते हैं, जिसके कारण सीमित समय में पूरे क्षेत्र का सत्यापन करना उनके लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।
