केंद्र ने बिहार के लिए मंजूर किया 125 करोड़ रुपये के दो सेज, SEZ से आएगा बदलाव
- कारोबार बिहार राष्ट्रीय
Political Trust
- December 5, 2025
- 0
- 45
- 1 minute read
पटना। स्पेशल इकॉनमिक ज़ोन- बिहार के लिए यह टर्म काफी हद तक नया है, नोएडा जैसे औद्योगिक क्षेत्रों के लिए बहुत पुराना। केंद्र से मंजूर बिहार के दो सेज़ 125-125 एकड़ में जब बनेंगे तो उससे बिहार को जबरदस्त फायदा होगा?
बिहार में औद्योगिक क्रांति की जमीन अब तैयार हो रही है। केंद्र सरकार के मंजूर दो स्पेशल इकॉनमिक ज़ोन (SEZ) पर राज्य के उद्योग विभाग ने काम शुरू कर दिया है। पश्चिम चंपारण के कुमारबाग और बक्सर के नावानगर में यह सेज़ तैयार होना है। दोनों सेज़ लगभग 125-125 एकड़ में विकसित किए जाएंगे। बिहार इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के पास जमीन है, जिस पर इसे विकसित किया जाएगा।
क्या होता है SEZ, किसे मिलेगा फायदा
स्पेशल इकॉनमिक ज़ोन एक ऐसा क्षेत्र विकसित किया जाता है, जहां कई तरह की औद्योगिक इकाइयों को आधारभूत सुविधाओं के साथ जगह दी जाती है। मतलब, इस क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना न केवल आसान होगी, बल्कि सरकारी तंत्र उसे हर तरह की आधारभूत सुविधाएं भी देगा और सुरक्षा भी। बिहार में जो सेज़ बनेंगे, उसमें 25-30 औद्योगिक इकाइयों को जगह मिल सकेगी। यानी, इतने उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को उत्पादन करने का अवसर मिलेगा, जबकि इस उद्यम-क्षेत्र में नौकरी के नए अवसर आएंगे। जैसे, बाढ़ में एनटीपीसी ने काम शुरू किया तो आसपास के इलाकों से भारी आबादी को रोजगार मिला, उसी तरह यहां भी भविष्य में जॉब की एक तरह से गारंटी हो जाएगी।
क्या होता है SEZ, किसे मिलेगा फायदा
स्पेशल इकॉनमिक ज़ोन एक ऐसा क्षेत्र विकसित किया जाता है, जहां कई तरह की औद्योगिक इकाइयों को आधारभूत सुविधाओं के साथ जगह दी जाती है। मतलब, इस क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना न केवल आसान होगी, बल्कि सरकारी तंत्र उसे हर तरह की आधारभूत सुविधाएं भी देगा और सुरक्षा भी। बिहार में जो सेज़ बनेंगे, उसमें 25-30 औद्योगिक इकाइयों को जगह मिल सकेगी। यानी, इतने उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को उत्पादन करने का अवसर मिलेगा, जबकि इस उद्यम-क्षेत्र में नौकरी के नए अवसर आएंगे। जैसे, बाढ़ में एनटीपीसी ने काम शुरू किया तो आसपास के इलाकों से भारी आबादी को रोजगार मिला, उसी तरह यहां भी भविष्य में जॉब की एक तरह से गारंटी हो जाएगी।
