बैंकों में पड़ा पैसा वापस लेने का मौका, आरबीआई चलाएगा विशेष अभियान; आसानी से करें क्लेम

 बैंकों में पड़ा पैसा वापस लेने का मौका, आरबीआई चलाएगा विशेष अभियान; आसानी से करें क्लेम

नई दिल्ली। देश के बैंकों में 67 हजार करोड़ रुपये अनक्लेम्ड के रूप में पड़े हैं? यह वह भूली हुई संपत्ति है, जिसे कई सारे लोग बैंक खातों में रखकर भूल गए, या उनके नॉमिनी इन खातों से अनजान हैं। कई मामलों में पुराने बैंक खाते के विवरण, दस्तावेज या जागरूकता के अभाव में, परिवार इस बेकार पड़ी राशि तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। अगर परिवार के किसी सदस्य का कोई बैंक खाता 10 साल से अधिक समय से निष्क्रिय है, तो उसमें मौजूद धनराशि को अब आप आसानी से वापस पा सकते हैं और इसमें आपकी मदद करेगा खुद आरबीआई।

अनक्लेम्ड राशि बढ़ने की वजह?

अनक्लेम्ड राशि बढ़ने की सबसे बड़ी वजह है भारतीय परिवारों में वित्तीय संवाद न होना। कई बार लोग निवेश तो कर लेते हैं, लेकिन परिवार को इसकी जानकारी नहीं देते। जानकारी के अभाव में मुख्य निवेशकर्ता की अनुपस्थिति में संपत्ति वर्षों तक बिना दावे के पड़ी रहती है।

RBI चला रहा है विशेष अभियान

आरबीआई 31 दिसंबर तक विशेष सहायता कैंप का आयोजन कर रहा है। इनका उद्देश्य भूले हुए पैसों को सही हाथों में पहुंचाना, क्लेम प्रक्रिया को आसान बनाना और पूरे देश में वित्तीय साक्षरता को मजबूत करना है। कैंप में ग्राहकों को क्लेम फॉर्म भरने में मदद, दस्तावेजों की जांच, नॉमिनी प्रक्रिया, फॉलो-अप सपोर्ट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे भूला हुआ पैसा प्राप्त करना और आसान हो जाएगा।

निष्क्रिय खाता क्या है?

अगर किसी बचत या करंट अकाउंट में दो साल से कोई लेन-देन (जमा, निकासी, ट्रांसफर या KYC अपडेट) नहीं हुआ है, तो वह निष्क्रिय खाता कहलाता है। ऐसे खातों में पैसे तो सुरक्षित रहते हैं, लेकिन कई सेवाएं बंद हो जाती हैं। ग्राहक के KYC अपडेट करने या ट्रांजेक्शन करने पर यह फिर से सक्रिय हो जाते हैं। अगर खाता 10 साल तक भी इस्तेमाल नहीं होता, तो उस खाते में मौजूद रकम (ब्याज सहित) RBI के जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (DEA) फंड में ट्रांसफर कर दी जाती है।