Ola Electric बर्बादी के कगार पर? बैंक ने पीछे खींचे हाथ
- कारोबार दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- November 26, 2025
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नई दिल्ली। Ola Electric की बिक्री और कमाई में बड़ी गिरावट आई है। Kotak Securities और Elara Securities जैसे ब्रोकरेज ने कंपनी की हालत पर सवाल उठाए हैं
पिछले साल Ola Electric का IPO सफल रहा था। लोगों ने जितने शेयर उपलब्ध थे, उससे चार गुना ज्यादा खरीदने की कोशिश की थी। लेकिन इस साल हालात बिल्कुल बदले हैं। कंपनी का बाजार हिस्सा गिर रहा है। शेयर कीमत आधे से ज्यादा टूटी है। कंपनी को नए निवेशक या कर्ज देने वाले बैंक भी आसानी से नहीं मिल रहे हैं। कंपनी के हालात इतने बिगड़ गए हैं कि कई निवेशकों ने पिछले कुछ महीनों में ओला को साफ मना कर दिया है। वहीं, कुछ से बातचीत अभी भी चालू है, लेकिन कंपनी की कमजोर होती बिक्री और खराब वित्तीय स्थिति के कारण ज्यादातर निवेशक दूर ही रहना चाहते हैं।
शेयर और बिक्री में भारी गिरावट, घाटा भी बढ़ा
ओला इलेक्ट्रिक की ताजा तिमाही रिपोर्ट ने कंपनी की मुश्किलें और उजागर कर दी हैं। कंपनी की आमदनी में 43% की गिरावट आई है और बिक्री भी 47% कम हुई है।इन खराब नतीजों के बाद कंपनी ने खुद मान लिया है कि साल की दूसरी छमाही में भी बिक्री उम्मीद से कम रहेगी। इसलिए कंपनी ने इस पूरे साल की बिक्री का अनुमान भी घटा दिया है। कंपनी के पास कैश भी तेजी से घट रहा है। सितंबर तक कंपनी के पास सिर्फ ₹160 करोड़ की नकदी बची थी, जबकि मार्च में उसके पास ₹480 करोड़ थे। आगे कंपनी को मार्च 2026 तक ₹550 करोड़ और उसके बाद वाले साल में ₹620 करोड़ का कर्ज भी चुकाना है।
फंड जुटाने में दिक्कतें, निवेशक और बैंक पीछे हटे
कंपनी नए निवेशकों से लगभग 1,500 करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश कर रही है। लेकिन निवेशक ओला की कमजोर हालत देखकर पैसा लगाने को तैयार नहीं हैं। इतना ही नहीं, बोर्ड द्वारा मंजूर 1,700 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की कोशिश भी सफल नहीं हुई, क्योंकि बैंक भी कंपनी की गिरती बिक्री और बढ़ते नुकसान को देखते हुए कर्ज नहीं देना चाहते। ओला के संस्थापक और चेयरमैन भाविश अग्रवाल अब अपना ध्यान घरों में इस्तेमाल होने वाले बैटरी बैकअप सिस्टम को बेचने पर लगा रहे हैं, ताकि कंपनी की हालत सुधर सके।
शेयर और बिक्री में भारी गिरावट, घाटा भी बढ़ा
ओला इलेक्ट्रिक की ताजा तिमाही रिपोर्ट ने कंपनी की मुश्किलें और उजागर कर दी हैं। कंपनी की आमदनी में 43% की गिरावट आई है और बिक्री भी 47% कम हुई है।इन खराब नतीजों के बाद कंपनी ने खुद मान लिया है कि साल की दूसरी छमाही में भी बिक्री उम्मीद से कम रहेगी। इसलिए कंपनी ने इस पूरे साल की बिक्री का अनुमान भी घटा दिया है। कंपनी के पास कैश भी तेजी से घट रहा है। सितंबर तक कंपनी के पास सिर्फ ₹160 करोड़ की नकदी बची थी, जबकि मार्च में उसके पास ₹480 करोड़ थे। आगे कंपनी को मार्च 2026 तक ₹550 करोड़ और उसके बाद वाले साल में ₹620 करोड़ का कर्ज भी चुकाना है।
फंड जुटाने में दिक्कतें, निवेशक और बैंक पीछे हटे
कंपनी नए निवेशकों से लगभग 1,500 करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश कर रही है। लेकिन निवेशक ओला की कमजोर हालत देखकर पैसा लगाने को तैयार नहीं हैं। इतना ही नहीं, बोर्ड द्वारा मंजूर 1,700 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की कोशिश भी सफल नहीं हुई, क्योंकि बैंक भी कंपनी की गिरती बिक्री और बढ़ते नुकसान को देखते हुए कर्ज नहीं देना चाहते। ओला के संस्थापक और चेयरमैन भाविश अग्रवाल अब अपना ध्यान घरों में इस्तेमाल होने वाले बैटरी बैकअप सिस्टम को बेचने पर लगा रहे हैं, ताकि कंपनी की हालत सुधर सके।
