नई चेतना 4.0 राष्ट्रीय अभियान का शुभारंभ, लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित पहल
नई दिल्ली, 25 नवंबर 2025। केंद्रीय ग्रामीण विकास तथा कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने आज “नई चेतना – पहल बदलाव की” अभियान के चौथे संस्करण का औपचारिक शुभारंभ किया। प्रवासी भारतीय केंद्र, सुषमा स्वराज भवन, चाणक्यपुरी में आयोजित कार्यक्रम में यह राष्ट्रीय अभियान लैंगिक समानता, महिला सशक्तिकरण और महिलाओं की सुरक्षा व गरिमा को मजबूत बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया।

कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री कमलेश पासवान और डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी के साथ ग्रामीण विकास सचिव शैलेश कुमार सिंह भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार महिलाओं के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिए व्यापक स्तर पर कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि नई चेतना अभियान अब ग्रामीण भारत में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आर्थिक भागीदारी को मजबूत करने की दिशा में एक जनआंदोलन का रूप ले चुका है।

शिवराज सिंह चौहान ने समाज में बेटियों के प्रति भेदभावपूर्ण सोच को बदलने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि महिलाओं की आवाज़ समाज और शासन के हर स्तर पर सुनी जानी चाहिए। उन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम सहित सरकार की विभिन्न पहलों का उल्लेख किया और बताया कि स्वयं सहायता समूहों के जरिए देशभर में दो करोड़ से अधिक महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं। उन्होंने कहा कि देश में कोई बहन गरीब न रहे, किसी महिला की आंखों में आंसू न आए और हर बहन आत्मनिर्भर बने, इसके लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है।

चौहान ने कहा कि बेटियों को गलत नजर से देखने वालों की सोच बदलनी होगी और जरूरत पड़ने पर ऐसे तत्वों को कठोरता से रोकना भी होगा। उन्होंने घोषित किया कि हिंसा मुक्त गांव बनाने के लिए बड़े पैमाने पर जन अभियान चलाया जाएगा, क्योंकि महिलाओं के प्रति किसी भी प्रकार की हिंसा स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि नशा समाज की बुराइयों की जड़ है और नशे के खिलाफ महिलाओं को गांव-गांव अलख जगानी होगी।
अभियान का लक्ष्य समुदाय आधारित कार्रवाई के माध्यम से लैंगिक हिंसा के प्रति जागरूकता बढ़ाना, महिलाओं की सुरक्षित गतिशीलता सुनिश्चित करना, आर्थिक योगदान की पहचान करना और घरेलू कार्यों में साझा जिम्मेदारी को प्रोत्साहित करना है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के DAY-NRLM के तहत आयोजित यह अभियान 23 दिसंबर 2025 तक देशभर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चलेगा, जिसकी अगुवाई स्व-सहायता समूहों के व्यापक नेटवर्क द्वारा की जा रही है।
कार्यक्रम के दौरान 11 मंत्रालयों और विभागों के संयुक्त हस्ताक्षर से अंतर-मंत्रालयी संयुक्त परामर्श भी जारी किया गया, जिसमें महिला एवं बाल विकास, स्कूल शिक्षा, गृह, पंचायती राज, कृषि, सामाजिक न्याय, युवा कार्यक्रम, स्वास्थ्य, MSME, सूचना एवं प्रसारण तथा न्याय विभाग शामिल हैं। यह “Whole of Government” दृष्टिकोण का महत्वपूर्ण उदाहरण माना जा रहा है, जो लैंगिक भेदभाव और हिंसा के उन्मूलन के लिए सभी मंत्रालयों की सामूहिक शक्ति को जोड़ता है।
इस कार्यक्रम में विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारी, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशनों के प्रतिनिधि, देशभर से आई महिला स्व-सहायता समूह सदस्याएं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यक्रम ने सरकार के ग्रामीण विकास और लैंगिक समानता के प्रति साझा संकल्प को सशक्त रूप से प्रदर्शित किया।
