केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया छठे अंतर्राष्ट्रीय सस्य विज्ञान कांग्रेस का शुभारंभ

 केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया छठे अंतर्राष्ट्रीय सस्य विज्ञान कांग्रेस का शुभारंभ

नई दिल्ली –नई दिल्ली के पूसा स्थित एनपीएल ऑडिटोरियम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छठे अंतर्राष्ट्रीय सस्य विज्ञान कांग्रेस IAC–2025 का शुभारंभ किया। यह तीन दिवसीय वैश्विक कार्यक्रम 26 नवंबर तक चलेगा। अपने संबोधन में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि वैज्ञानिक ऐसा अनुसंधान करें जिससे आम किसानों को सीधा लाभ मिले। उन्होंने कहा कि पोषणयुक्त खाद्यान्न की उपलब्धता के साथ किसानों की आजीविका सुरक्षित करना भी उतना ही आवश्यक है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि धरती को आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने चेताया कि केमिकल फर्टिलाइजर का अत्यधिक उपयोग भविष्य की पीढ़ियों के लिए खतरा बन सकता है। चौहान ने कहा कि खराब बीज, मिलावटी इनपुट और मौसम की प्रतिकूलता किसानों को भारी नुकसान पहुंचाती है और बदलती जलवायु के अनुसार नए समाधान तैयार करने की आवश्यकता है। दलहन और तिलहन उत्पादन बढ़ाने, वायरस अटैक रोकने, मृदा में घटते जैविक कार्बन और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी पर भी उन्होंने चिंता जताई। डायरेक्ट सीडेड राइस में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए मैकेनाइजेशन और कार्बन क्रेडिट का लाभ किसानों तक पहुँचाने के तरीके तलाशने पर उन्होंने वैज्ञानिकों का ध्यान आकर्षित किया। स्मार्ट कृषि, ड्रोन उपयोग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग जैसी आधुनिक तकनीकों को छोटे और सीमांत किसानों तक पहुँचाना बेहद जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिक केवल शोधपत्र लिखने तक सीमित न रहें बल्कि किसानों की वास्तविक समस्याओं पर व्यवहारिक समाधान लेकर आएं और इंटीग्रेटेड फार्मिंग को बढ़ावा दें। कृषि उत्पादों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने की दिशा में भी काम करने की जरूरत है।

शिवराज सिंह चौहान ने विभाग में अनावश्यक खर्च रोकने के लिए घोषणा की कि अब किसी भी प्रकार का शाल, श्रीफल, गुलदस्ता या उपहार नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम एक परिवार हैं और ऐसे स्वागत-सत्कार पर होने वाला खर्च बंद किया जाएगा। सम्मेलन में जलवायु–सहिष्णु कृषि, कार्बन–न्यूट्रल फार्मिंग, प्रकृति आधारित समाधान, आनुवंशिक क्षमता, डिजिटल समाधान, ऊर्जा-कुशल मशीनरी, पोस्ट-हार्वेस्ट प्रबंधन, पोषण-संवेदनशील कृषि, लैंगिक सशक्तिकरण और कृषि 5.0 जैसे विषयों पर भी चर्चा की जाएगी। यह कांग्रेस भारत को जलवायु–स्मार्ट और स्मार्ट कृषि–खाद्य प्रणालियों में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और इससे G20, FAO, CGIAR तथा दक्षिण–दक्षिण सहयोग को भी मजबूती मिलेगी। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी, ICAR महानिदेशक डॉ. मांगीलाल जाट, ISA अध्यक्ष डॉ. शांति कुमार शर्मा सहित देश–विदेश से आए 1,000 से अधिक वैज्ञानिक, नीति–निर्माता, विद्यार्थी और उद्योग विशेषज्ञ शामिल हुए। FAO, CIMMYT, ICRISAT, IRRI, ICARDA और IFDC सहित अनेक अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।