टर्म इंश्योरेंस की बढ़ी मांग, GST छूट से प्लान सस्ते; बीमा बाजार में बूम
- कारोबार दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- November 24, 2025
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नई दिल्ली। जीएसटी छूट के बाद से बीमा बदल रहा है। जीवन बीमा का मतलब अब टैक्स बचत और निवेश तक सीमित नहीं रहा। लोग अब प्योर प्रोटेक्शन (टर्म इंश्योरेंस) के लिए इसे खरीद रहे हैं। इस बदलाव के पीछे महामारी की नसीहत और नया टैक्स सिस्टम प्रमुख वजहें हैं।
कोविड-19 महामारी ने लोगों को सिखाया है कि किसी अनहोनी में परिवार की सुरक्षा के लिए पर्याप्त बीमा कवरेज जरूरी है। नई कर व्यवस्था (जिसमें धारा 80सी जैसी छूट खत्म हो गई) ने टैक्स छूट के आधार पर जीवन बीमा खरीदने को गैर-जरूरी और कम लाभप्रद बना दिया। हाल ही में, जीएसटी से मिली पूरी छूट ने भी जीवन बीमा पॉलिसी की लागत कम कर दी है। टैक्स शून्य होने से, टर्म इंश्योरेंस अधिक किफायती बन गया है, जाे बिना किसी मैच्योरिटी मूल्य के श्ाुद्ध सुरक्षा या मृत्यु लाभ देता है।
पॉलिसीबाजार के मुताबिक, 22 सितंबर के बाद से टर्म इंश्योरेंस की मांग 2.5 गुना बढ़ गई। टर्म इंश्योरेंस की तेज मांग के कारण अक्तूबर 2025 में सभी बीमा कंपनियों का न्यू बिजनेस प्रीमियम सालाना आधार पर 12.1 फीसदी बढ़कर 34,007 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। अक्तूबर महीने में एचडीएफसी लाइफ के प्रोटेक्शन प्लान की मांग 50 फीसदी से ज्यादा बढ़ी है। एक्सिस मैक्स लाइफ इंश्योरेंस ने अपने प्रोटेक्शन बिजनेस में सालाना आधार पर 34 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है।
यूलिप पॉलिसी से टर्म इंश्योरेंस बेहतर?
सामान्य एंडॉमेंट पॉलिसी या यूलिप न तो पर्याप्त सुरक्षा देते हैं, न संतोषजनक रिटर्न। एंडॉमेंट पॉलिसी या यूलिप औसतन 6-7 फीसदी वार्षिक रिटर्न देती है, कई बार इससे भी कम। इस रिटर्न के साथ अच्छे रिटर्न ताे दूर, बढ़ती महंगाई के साथ अपनी खरीद क्षमता बनाए रखना भी मुश्किल होगा।
इन उत्पादों का बीमा कवरेज भी बेहद सीमित
उदाहरण के लिए, अगर कोई सालाना 25,000 रुपये एंडॉमेंट पॉलिसी में जमा करता है, तो उसे पांच से 10 लाख रुपये का कवर मिलता है। अगर यही 25,000 रुपये टर्म इंश्योरेंस में लगाएं, तो आसानी से एक करोड़ रुपये या इससे ज्यादा का कवर मिल सकता है।
पॉलिसीबाजार के मुताबिक, 22 सितंबर के बाद से टर्म इंश्योरेंस की मांग 2.5 गुना बढ़ गई। टर्म इंश्योरेंस की तेज मांग के कारण अक्तूबर 2025 में सभी बीमा कंपनियों का न्यू बिजनेस प्रीमियम सालाना आधार पर 12.1 फीसदी बढ़कर 34,007 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। अक्तूबर महीने में एचडीएफसी लाइफ के प्रोटेक्शन प्लान की मांग 50 फीसदी से ज्यादा बढ़ी है। एक्सिस मैक्स लाइफ इंश्योरेंस ने अपने प्रोटेक्शन बिजनेस में सालाना आधार पर 34 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है।
यूलिप पॉलिसी से टर्म इंश्योरेंस बेहतर?
सामान्य एंडॉमेंट पॉलिसी या यूलिप न तो पर्याप्त सुरक्षा देते हैं, न संतोषजनक रिटर्न। एंडॉमेंट पॉलिसी या यूलिप औसतन 6-7 फीसदी वार्षिक रिटर्न देती है, कई बार इससे भी कम। इस रिटर्न के साथ अच्छे रिटर्न ताे दूर, बढ़ती महंगाई के साथ अपनी खरीद क्षमता बनाए रखना भी मुश्किल होगा।
इन उत्पादों का बीमा कवरेज भी बेहद सीमित
उदाहरण के लिए, अगर कोई सालाना 25,000 रुपये एंडॉमेंट पॉलिसी में जमा करता है, तो उसे पांच से 10 लाख रुपये का कवर मिलता है। अगर यही 25,000 रुपये टर्म इंश्योरेंस में लगाएं, तो आसानी से एक करोड़ रुपये या इससे ज्यादा का कवर मिल सकता है।
