दुल्हन की आंखों में क्यों लगाया जाता है काजल? ये है धार्मिक मान्यता

 दुल्हन की आंखों में क्यों लगाया जाता है काजल? ये है धार्मिक मान्यता
नई दिल्ली। विवाह मेंं श्रृंगार के समय दुल्हन की आंखों में काजल लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। धार्मिक मान्यता है कि काजल बुरी नजर से बचाता है। विवाह के समय दुल्हन को काजल इसलिए लगाया जाता है कि उसे किसी की बुरी नजर न लगे।
विवाह हिंदू धर्म के सोलह संस्कारों में से एक है। विवाह शब्द में वि का मतलब विशेष से है और वाह का अर्थ वहन करना है। हिंदू शास्त्रों में इसे पति पत्नी का जन्म जन्मांतर का संबंध कहा गया है। विवाह में दुल्हन को सजाया जाता है। उसका 16 श्रृंगार किया जाता है। इन्हीं में शामिल है दुल्हन को काजल लगाना।
रामायण के अनुसार, कन्याओं द्वारा विवाह के किए जाने वाले श्रृंगार को लेकर रोचक बातें बताई गईं हैं। जब सीता जी अपने विवाह के लिए श्रृंगार कर रही थीं, तब उन्होंने अपनी मां से वार्तालाप किया। उस समय उनकी मां ने विवाह में किए जाने वाले श्रृंगारों के बारे में उन्हें जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पुत्री, विवाह के समय नववधू का 16 श्रृंगार करना आवश्यक होता है। ये हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है।
विवाह में दुल्हन को काजल लगाना जरूरी
इसी दौरान जब माता सीता की आंखों में काजल लगाया जाने लगा तो उन्होंने पूछा कि काजल से मेरी आंखे काली क्यों कर दी। तब उनकी मां ने उनको बताया कि पुत्री काजल लगाने का अर्थ है कि अब से तुम्हें आंखों में शीलता का जल धारण करना होगा। विवाह में दुल्हन को काजल लगाने की परंपरा युगों से चली आ रही है। विवाह में दुल्हन को काजल लगाए बिना 16 श्रृंगार पूरा नहीं माना जाता है।