दूसरी तिमाही में 7.2% की रफ्तार से बढ़ेगी जीडीपी, दर से बढ़ी निजी खपत
- कारोबार दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- November 13, 2025
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नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में 7.2% की मजबूत वृद्धि दर्ज कर सकती है। निजी खपत में 8% तक बढ़ोतरी इसकी मुख्य वजह होगी। आयकर राहत और स्थिर आय से उपभोग में मजबूती आई है। अप्रैल-जून में जीडीपी 7.8% बढ़ी थी। रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स के अनुसार, जीएसटी और आयकर सुधार से आर्थिक गतिविधियां सक्रिय रही।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) 28 नवंबर को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के जीडीपी वृद्धि के आंकड़े जारी करेगा। रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा, वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में निजी खपत सालाना आधार पर आठ फीसदी बढ़ेगी। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में यह सात फीसदी और दूसरी तिमाही में 6.4 फीसदी बढ़ी थी।
आयकर में राहत से उपभोग मांग को समर्थन
रेटिंग एजेंसी के अर्थशास्त्री एवं कार्यकारी निदेशक पारस जसराय ने कहा, उच्च एवं निम्न आय वाले परिवारों की स्थिर वास्तविक आय बढ़ने के कारण निजी खपत में उछाल वृद्धि का एक प्रमुख चालक है। आयकर कटौती से भी उपभोग मांग को बल मिला। अगर जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के कारण खरीदारी के फैसले स्थगित नहीं किए गए होते, तो निजी उपभोग और भी तेजी से बढ़ता।
विनिर्माण-सेवा क्षेत्र से भी वृद्धि दर को सहारा
जसराय ने कहा, विनिर्माण क्षेत्र में माल निर्यात वृद्धि के साथ मजबूत सेवा क्षेत्र ने दूसरी तिमाही में आपूर्ति पक्ष से जीडीपी वृद्धि को बढ़ावा दिया। इस दौरान निवेश मांग 7.5 फीसदी की मजबूत दर से बढ़ी है, जिसमें स्थिर सरकारी पूंजीगत खर्च महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
आयकर में राहत से उपभोग मांग को समर्थन
रेटिंग एजेंसी के अर्थशास्त्री एवं कार्यकारी निदेशक पारस जसराय ने कहा, उच्च एवं निम्न आय वाले परिवारों की स्थिर वास्तविक आय बढ़ने के कारण निजी खपत में उछाल वृद्धि का एक प्रमुख चालक है। आयकर कटौती से भी उपभोग मांग को बल मिला। अगर जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के कारण खरीदारी के फैसले स्थगित नहीं किए गए होते, तो निजी उपभोग और भी तेजी से बढ़ता।
विनिर्माण-सेवा क्षेत्र से भी वृद्धि दर को सहारा
जसराय ने कहा, विनिर्माण क्षेत्र में माल निर्यात वृद्धि के साथ मजबूत सेवा क्षेत्र ने दूसरी तिमाही में आपूर्ति पक्ष से जीडीपी वृद्धि को बढ़ावा दिया। इस दौरान निवेश मांग 7.5 फीसदी की मजबूत दर से बढ़ी है, जिसमें स्थिर सरकारी पूंजीगत खर्च महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
