सरकारी बैंकों के निजीकरण से देश को कोई नुकसान नहीं : सीतारमण

 सरकारी बैंकों के निजीकरण से देश को कोई नुकसान नहीं : सीतारमण

नई दिल्ली। सरकारी बैंकों के निजीकरण से देश को कोई नुकसान नहीं होगा। ये बातें वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कही हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस आशंका को खारिज कर दिया कि सरकारी बैंकों के निजीकरण से वित्तीय समावेशन व राष्ट्रीय हित को नुकसान पहुंचेगा। 1969 में किए गए बैंकों के राष्ट्रीयकरण से अपेक्षित परिणाम नहीं मिले हैं। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, राष्ट्रीयकरण से प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को ऋण देने और सरकारी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में मदद मिली, लेकिन सरकारी नियंत्रण ने सरकारी बैंकों को अव्यवसायिक बना दिया। सीतारमण ने कहा, राष्ट्रीयकरण के 50 वर्षों के बावजूद उद्देश्य प्राप्त नहीं हुए हैं। जब हमने बैंकों को पेशेवर बना दिया, तब वे उद्देश्य खूबसूरती से प्राप्त हो रहे हैं। पहले सरकारी बैंकों का दुरुपयोग हुआ। इससे खाताबही में गिरावट आई है। 2012-13 में दोहरे खाताबही की समस्या को ठीक करने में नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद हमें छह साल लग गए। अब वही बैंक परिसंपत्ति गुणवत्ता, शुद्ध लाभ, ऋण व जमा वृद्धि व वित्तीय समावेशन के मामले में बेहतर हैं। सरकार चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद के 4.4 फीसदी के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा कर लेगी।