400 करोड़ की टैक्स चोरी: दो मोबाइल नंबरों पर पंजीकृत करवाई 122 फर्में निकली फर्जी, अफसर हैरान
- उत्तर प्रदेश कारोबार राष्ट्रीय
Political Trust
- November 4, 2025
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मुरादाबाद। राज्य कर विभाग ने 341 करोड़ की टैक्स चोरी की जांच में 22 नई फर्जी फर्मों का खुलासा किया है। यह फर्में आरोपी सौरभ मिश्रा की ईमेल जांच में मिलीं। बताया जाता है कि उसने 149 करोड़ का कारोबार दिखाकर 61 करोड़ की टैक्स चोरी की थी। अब तक 144 फर्जी फर्में पकड़ी जा चुकी हैं। टैक्स चोरी का आंकड़ा 400 करोड़ पार पहुंच गया है।
341 करोड़ की टैक्स चोरी की जांच के बीच सोमवार को राज्य कर विभाग ने 22 और फर्जी फर्में पकड़ी हैं। टैक्स चोरी के मास्टर माइंड और मुजफ्फरनगर के साैरभ मिश्रा की ईमेल की जांच में यह फर्में मिली हैं। इन 22 फर्में पर 149 करोड़ का कारोबार कर 61 करोड़ टैक्स चोरी की गई है।
अब फर्जी फर्मों की कुल संख्या 144 हो गई है। जबकि टैक्स चोरी का आंकड़ा 400 के पार पहुंच गया है। प्रदेश की बड़ी जीएसटी चोरी की जांच में भ्रष्टाचार की परत दर परत उखड़ती जा रही हैं। अपर आयुक्त ग्रेड-1 अशोक कुमार सिंह के नेतृत्व में अधिकारियों की टीमों ने सोमवार को भी लखनऊ के आरोपी मास्टर माइंड अंकित कुमार और मुजफ्फरनगर के सौरभ मिश्रा के ईमेल की जांच की।
जांच के दौरान अधिकारियों को दिल्ली, बिहार, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल की 22 और फर्में प्रकाश में आई हैं। इस प्रकार बोगस फर्मों की संख्या बढ़कर 144 हो गई हैं। इन 22 फर्मों से आरोपियों ने 149 करोड़ के सामान का टर्नओवर किया गया है।
इस हिसाब से टर्नओवर की धनराशि 1811 करोड़ की जगह बढ़कर 1960 करोड़ हो गई है। आशंका है कि जांच आगे बढ़ने पर जीएसटी चोरी का दायरा अभी और बढ़ेगा। पंजीयन कराने के लिए आरोपियों ने सीजीएसटी के सरल नियमों का फायदा उठाते हुए फर्जी अभिलेखों का प्रयोग किया है।
इसके बाद आरोपियों ने फर्जी ई वे बिल और अभिलेखों के आधार पर केंद्र और राज्य सरकार को करोड़ों का चूना लगाया है। इस मामले में राज्य कर अधिकारियों ने विभाग के तकनीकी विशेषज्ञों को भी लगाया है। प्रदेश के प्रमुख सचिव स्तर से भी जांच की प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट ली जा रही है।
जानिए क्या है मामला
राज्य कर विभाग ने लखनऊ-मुरादाबाद हाईवे पर 24 और 25 अक्तूबर को लोहे से लदे दो ट्रकों को पकड़े थे। यह माल लखनऊ के राजाजीपुरम आवास विकास कॉलोनी निवासी अंकित कुमार का था। जिसे मुजफ्फरनगर भेजा जा रहा था।
इस मामले में अपर आयुक्त ग्रेड-2 आरए सेठ के साथ 42 अधिकारियों की टीम ने जांच की तो पता चला कि अंकित ने दो मोबाइल नंबरों पर देश के अलग-अलग राज्यों में 122 बोगस फर्माें का सीजीएसटी और राज्य कर विभाग में पंजीयन करा रखा है। तीन दिनों तक चली जांच में 341 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी गई थी। इसके बाद राज्य कर विभाग ने सिविल लाइंस थाने में दो केस भी दर्ज कराया।
अब फर्जी फर्मों की कुल संख्या 144 हो गई है। जबकि टैक्स चोरी का आंकड़ा 400 के पार पहुंच गया है। प्रदेश की बड़ी जीएसटी चोरी की जांच में भ्रष्टाचार की परत दर परत उखड़ती जा रही हैं। अपर आयुक्त ग्रेड-1 अशोक कुमार सिंह के नेतृत्व में अधिकारियों की टीमों ने सोमवार को भी लखनऊ के आरोपी मास्टर माइंड अंकित कुमार और मुजफ्फरनगर के सौरभ मिश्रा के ईमेल की जांच की।
जांच के दौरान अधिकारियों को दिल्ली, बिहार, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल की 22 और फर्में प्रकाश में आई हैं। इस प्रकार बोगस फर्मों की संख्या बढ़कर 144 हो गई हैं। इन 22 फर्मों से आरोपियों ने 149 करोड़ के सामान का टर्नओवर किया गया है।
इस हिसाब से टर्नओवर की धनराशि 1811 करोड़ की जगह बढ़कर 1960 करोड़ हो गई है। आशंका है कि जांच आगे बढ़ने पर जीएसटी चोरी का दायरा अभी और बढ़ेगा। पंजीयन कराने के लिए आरोपियों ने सीजीएसटी के सरल नियमों का फायदा उठाते हुए फर्जी अभिलेखों का प्रयोग किया है।
इसके बाद आरोपियों ने फर्जी ई वे बिल और अभिलेखों के आधार पर केंद्र और राज्य सरकार को करोड़ों का चूना लगाया है। इस मामले में राज्य कर अधिकारियों ने विभाग के तकनीकी विशेषज्ञों को भी लगाया है। प्रदेश के प्रमुख सचिव स्तर से भी जांच की प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट ली जा रही है।
जानिए क्या है मामला
राज्य कर विभाग ने लखनऊ-मुरादाबाद हाईवे पर 24 और 25 अक्तूबर को लोहे से लदे दो ट्रकों को पकड़े थे। यह माल लखनऊ के राजाजीपुरम आवास विकास कॉलोनी निवासी अंकित कुमार का था। जिसे मुजफ्फरनगर भेजा जा रहा था।
इस मामले में अपर आयुक्त ग्रेड-2 आरए सेठ के साथ 42 अधिकारियों की टीम ने जांच की तो पता चला कि अंकित ने दो मोबाइल नंबरों पर देश के अलग-अलग राज्यों में 122 बोगस फर्माें का सीजीएसटी और राज्य कर विभाग में पंजीयन करा रखा है। तीन दिनों तक चली जांच में 341 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी गई थी। इसके बाद राज्य कर विभाग ने सिविल लाइंस थाने में दो केस भी दर्ज कराया।
