आज अयोध्या में दीपोत्सव: 29 लाख दीये एक साथ जलेंगे, सीएम योगी रहेंगे मौजूद
- उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय हमारी संस्कृति
Political Trust
- October 19, 2025
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अयोध्या। आज रविवार को अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में रिकॉर्ड 29 लाख दीये जलाएं जाएंगे। जो कि नया रिकॉर्ड होगा।
नौवें दीपोत्सव पर 26 लाख 11 हजार 101 दीये जला कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए राम की पैड़ी तैयार है। यहां 56 घाटों पर 30 हजार स्वयंसेवकों ने 29 लाख दीये बिछा दिए हैं। इसके बाद गिनीज बुक की टीम ने ड्रोन की मदद से बिछाए गए दीयों की काउंटिंग की। रविवार सुबह से इन दीयों में तेल और बाती डालने की प्रक्रिया शुरू होगी।
शनिवार को लगातार तीसरे दिन सुबह से अवध विश्वविद्यालय के घाट संयोजकों और प्रभारियों की निगरानी में आवासीय परिसर, संबंद्ध कॉलेजों, इंटर कॉलेजों व स्वयसेवी संस्थाओं के स्वयंसेवकों ने दीये बिछाने का काम जारी रखा। दोपहर में तेज धूप के बावजूद छात्र-छात्राएं पूरे मनोयोग से इस काम में जुटे रहे। कई घाटों पर दीयों से रामायण कालीन प्रसंग, बड़े दीये की आकृति और रंगोली दीप उकेरे गए हैं। घाट नंबर 10 पर 80 हजार दीये से स्वास्तिक सजाई गई है। इससे पूरी दुनिया में शुभता का संदेश जाएगा। इनकी शोभा देखते ही बन रही है। काफी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक भी दीये बिछाने की प्रक्रिया को देखने पहुंचे और इसमें मददगार भी बने।
सूती कपड़ों में घाटों पर मौजूद रहेंगे स्वयंसेवक
गिनीज बुक की 75 सदस्यीय गणना टीम ने शाम को सरयू के 56 घाटों के दीये की गणना विश्वविद्यालय के पर्यवेक्षक, घाट प्रभारी, समन्वयक व गणना वाॅलंटियर की मौजूदगी में की। 19 अक्तूबर को दीपोत्सव के दिन दीये में तेल भरने के लिए एक-एक लीटर सरसों के तेल की बोतल उपलब्ध कराई जाएगी। स्वयंसेवक बिछाए गए दीये में सावधानीपूर्वक तेल डालेंगे। घाट पर तेल न गिरे, इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। दीये में तेल डालने के बाद बाती के आगे वाले भाग पर कपूर का पाउडर लगाया जाएगा। इससे स्वयंसेवकों को दीये प्रज्ज्वलित करने में आसानी होगी। हर घाट पर दीयों को प्रज्ज्वलित करने के लिए कैंडल, माचिस, डंडे लगे कैंडल और अन्य सामग्री घाट के अनुसार निर्धारित दीयों की संख्या के अनुपात में एक ही बार में समन्वयकों व घाट प्रभारी को उपलब्ध करा दी जाएगी। दीयों को प्रज्ज्वलित करने वाले स्वयंसेवक व समन्वयक सूती कपड़ों में ही घाटों पर मौजूद रहेंगे।
शनिवार को लगातार तीसरे दिन सुबह से अवध विश्वविद्यालय के घाट संयोजकों और प्रभारियों की निगरानी में आवासीय परिसर, संबंद्ध कॉलेजों, इंटर कॉलेजों व स्वयसेवी संस्थाओं के स्वयंसेवकों ने दीये बिछाने का काम जारी रखा। दोपहर में तेज धूप के बावजूद छात्र-छात्राएं पूरे मनोयोग से इस काम में जुटे रहे। कई घाटों पर दीयों से रामायण कालीन प्रसंग, बड़े दीये की आकृति और रंगोली दीप उकेरे गए हैं। घाट नंबर 10 पर 80 हजार दीये से स्वास्तिक सजाई गई है। इससे पूरी दुनिया में शुभता का संदेश जाएगा। इनकी शोभा देखते ही बन रही है। काफी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक भी दीये बिछाने की प्रक्रिया को देखने पहुंचे और इसमें मददगार भी बने।
सूती कपड़ों में घाटों पर मौजूद रहेंगे स्वयंसेवक
गिनीज बुक की 75 सदस्यीय गणना टीम ने शाम को सरयू के 56 घाटों के दीये की गणना विश्वविद्यालय के पर्यवेक्षक, घाट प्रभारी, समन्वयक व गणना वाॅलंटियर की मौजूदगी में की। 19 अक्तूबर को दीपोत्सव के दिन दीये में तेल भरने के लिए एक-एक लीटर सरसों के तेल की बोतल उपलब्ध कराई जाएगी। स्वयंसेवक बिछाए गए दीये में सावधानीपूर्वक तेल डालेंगे। घाट पर तेल न गिरे, इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। दीये में तेल डालने के बाद बाती के आगे वाले भाग पर कपूर का पाउडर लगाया जाएगा। इससे स्वयंसेवकों को दीये प्रज्ज्वलित करने में आसानी होगी। हर घाट पर दीयों को प्रज्ज्वलित करने के लिए कैंडल, माचिस, डंडे लगे कैंडल और अन्य सामग्री घाट के अनुसार निर्धारित दीयों की संख्या के अनुपात में एक ही बार में समन्वयकों व घाट प्रभारी को उपलब्ध करा दी जाएगी। दीयों को प्रज्ज्वलित करने वाले स्वयंसेवक व समन्वयक सूती कपड़ों में ही घाटों पर मौजूद रहेंगे।
